राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के हितग्राही को प्रति वर्ष प्रति एकड़ 15 से 50 हजार तक होगी आय

योजना के कुशल क्रियान्वयन के लिए ली गई बैठक

14 जनवरी 2023,  रायपुर । छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के हितग्राही को प्रति वर्ष प्रति एकड़ 15 से 50 हजार तक होगी आय – वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ के कुशल क्रियान्वयन के संबंध में वनमंडलाधिकारी श्री विश्वेष झा द्वारा वन मंडल रायपुर के विभागीय अधिकारियों की बैठक ली गई। इस संबंध में आयोजित कार्यशाला में कृषकों को स्वयं की भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण कर योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। गौरतलब है कि कृषकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से हाल ही में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ में भाग लेने हेतु इच्छुक कृषक अथवा संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर आगामी वर्ष में रोपण हेतु आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति पत्र के साथ दे सकते हैं। इस योजना में कृषकों के निजी भूमि में प्रतिवर्ष 36 हजार एकड़ के मान से पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा। समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते है, इस योजना के हितग्राही होंगे।

Advertisement
Advertisement

‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों का रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 05 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों के सहभागिता का प्रस्ताव है। उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है। सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों की सहभागिता से कृषकों को उनके उत्पाद के लिए सुनिश्चित बाजार उपलब्ध होगी तथा शासन पर वित्तीय भार भी कम होगा। टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस एवं मिलिया डूबिया वृक्षों के परिपक्व होने के पश्चात् निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा क्रय किया जाएगा।

बैठक में वन मंडल रायपुर के विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी, कृषक, वन प्रबंधन समितियां तथा औद्योगिक संस्थान के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Advertisement8
Advertisement

महत्वपूर्ण खबर: छत्तीसगढ़ में नववर्ष पर श्रमिकों को मुख्यमंत्री की 4 नई सौगातें

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement