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छत्तीसगढ़ में आगामी वित्तीय वर्ष से शुरू होगी ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’

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07 जनवरी 2023,  रायपुर । छत्तीसगढ़ में आगामी वित्तीय वर्ष से शुरू होगी ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कृषकों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसके तहत कृषकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ में भाग लेने हेतु इच्छुक कृषक अथवा संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर आगामी वर्ष में रोपण हेतु आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति पत्र के साथ दे सकते हैं।

गौरतलब है कि इस योजना में कृषकों के निजी भूमि में प्रतिवर्ष 36 हजार एकड़ के मान से पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा। समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते है, इस योजना के हितग्राही होंगे। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों का रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा।

इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों के सहभागिता का प्रस्ताव है। उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है। सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों की सहभागिता से कृषकों को उनके उत्पाद के लिए सुनिश्चित बाजार उपलब्ध होगी तथा शासन पर वित्तीय भार भी कम होगा। टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस एवं मिलिया डूबिया वृक्षों के परिपक्व होने के पश्चात् निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा क्रय किया जाएगा।

राज्य में इस योजना के अंतर्गत कुल पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ में रोपित 15 करोड़ पौधे परिपक्व होने के पश्चात् हितग्राहियों को लगभग 5000 करोड़ की आय प्राप्त होने की संभावना है। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ के क्रियान्वयन से प्रति वर्ष लगभग 30 हजार किसान लाभान्वित होंगे।

इस योजना के क्रियान्वयन से हितग्राहियों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रूपए तक आय की प्राप्ति होगी। वाणिज्यिक वृक्षारोपण के रकबे में वृद्धि से काष्ठ आधारित उद्योगों जैसे पेपर मिल, प्लाईवुड, फर्नीचर, विनियर इत्यादि के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। नये उद्योगों की स्थापना से स्थानीय निवासियों के रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी तथा विभिन्न करों के माध्यम से शासन को अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।

स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए विशेष योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। इस योजना में कुल 780 करोड़ रूपए स्कूलों की मरम्मत में खर्च किए जाएंगे।

नवा रायपुर अटल नगर में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सेक्टर के भीतर क्षेत्रफल श्रेणी के आधार पर भूखण्डों के लीज प्रीमियम निर्धारण के लिए अधोसंरचना विकास शुल्क का पुर्ननिर्धारण किया गया। जिसके तहत 50 एकड़ से अधिक भूखण्ड क्षेत्रफल के लिए वर्तमान अधोसंरचना विकास शुल्क प्रति वर्ग मीटर 500 रूपए को घटाकर 100 रूपए प्रति वर्गमीटर करने का निर्णय लिया गया।

वाणिज्यिक वृक्षारोपण से पर्यावरण सुधार और किसानों की आय में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया।

  • छत्तीसगढ़ में योजना के तहत 5 वर्षों में 1.80 लाख एकड़ में 15 करोड़ पौधों का रोपण, 5 हजार करोड़ रूपए आय की संभावना
  • हितग्राही को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रू. तक होगी आय
  • काष्ठ आधारित उद्योगों के लिए कच्चे माल की सुगम उपलब्धता
  • राज्य के सभी जिले में राज्य योजना के राशनकार्डधारियों (एपीएल को छोडक़र) को फोर्टिफाईड चावल वितरण करने का निर्णय लिया गया। इससे 26.42 करोड़ रूपए की राशि व्यय होगी।
  • छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

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