छत्तीसगढ़: 95% बोनी पूरी, 12 लाख टन खाद और 8.83 लाख क्विंटल बीज का वितरण
22 अगस्त 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़: 95% बोनी पूरी, 12 लाख टन खाद और 8.83 लाख क्विंटल बीज का वितरण – छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए इस खरीफ सीजन में राहत भरी खबर है। राज्य में खेती-किसानी को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर किसानों को सुगमता से खाद, बीज और ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। अब तक प्रदेश में लक्ष्य का 95 प्रतिशत बोनी पूर्ण हो चुकी है, जबकि किसानों को 12 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद और 8.83 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित किए जा चुके हैं।
खाद और बीज का वितरण
इस खरीफ सीजन में किसानों को उनकी मांग के अनुसार 12 लाख मीट्रिक टन खाद वितरित किया गया है, जो लक्ष्य का 88 प्रतिशत है। इसमें 5.81 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.62 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 1 लाख 51 हजार 259 मीट्रिक टन एनपीके, 50 हजार 431 मीट्रिक टन पोटाश तथा एक लाख 52 हजार 664 मीट्रिक टन सुपर फास्फेट का वितरण शामिल है। किसानों को विभिन्न फसलों के 8.83 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज भी उपलब्ध कराए गए हैं, जो कि कुल मांग का 90 प्रतिशत है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बताया गया की चालू खरीफ सीजन के लिए राज्य में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र के माध्यमों से किसानों को 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरूद्ध अब तक 15.24 लाख मीट्रिक टन का भण्डारण करा लिया गया है। भण्डारण के विरूद्ध लगभग 12 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किसानों को किया जा चुका है।
कृषि ऋण में बड़ी राहत
किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने अब तक राज्य सहकारी बैंकों के द्वारा 2058 सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 6281 करोड़ रुपये का अल्पकालीन कृषि ऋण भी वितरित किया है। इस साल का लक्ष्य 7300 करोड़ रुपये का है, जिसे पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के माध्यम से किसानों को राहत दी जा रही है, जिससे खेती-किसानी में सुधार और उत्पादन में वृद्धि हो रही है।
मानसून और बोनी की स्थिति
छत्तीसगढ़ में मानसून की अच्छी स्थिति के चलते 46.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बोनी हो चुकी है, जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 48.63 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य का 95 प्रतिशत है। औसतन 820.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो खेती के लिए अनुकूल साबित हो रही है।
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