राज्य कृषि समाचार (State News)

मौसमी परिवर्तन से मध्यप्रदेश में वर्षा ,वज्रपात और ओलावृष्टि की संभावना

4 जनवरी 2021, इंदौर । मौसमी परिवर्तन से मध्यप्रदेश में वर्षा ,वज्रपात और ओलावृष्टि की संभावना मौसम केंद्र भोपाल द्वारा आगामी 5 से 10 जनवरी की अवधि में मौसमी परिवर्तन से मध्यप्रदेश में झोंकेदार हवाओं के साथ ओलावृष्टि , वर्षा और वज्रपात की संभावना व्यक्त की गई है। उक्त जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।  

वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह  के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ निचले और मध्य क्षोभ मंडल स्तरों में एक ट्रफ के रूप में बना  हुआ है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8  किमी  ऊपर है और लगभग 30° एन अक्षांश के उत्तर में 50° ई  देशांतर के साथ है। इसके प्रभाव  में, 05 जनवरी  2022 को पश्चिम राजस्थान और आसपास के इलाकों में एक प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण  बनने की बहुत संभावना है। एक तीव्र पश्चिमी विक्षोभ के 6 जनवरी , 2022 की रात से उत्तर पश्चिमी भारत को प्रभावित करने की  बहुत संभावना है। इसके प्रभाव में, 07 जनवरी , 2022 को दक्षिण -पश्चिम राजस्थान और आसपास के इलाकों में एक प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण बनने की संभावना है। ई  मौसम प्रणालियों  के प्रभाव में, मध्य प्रदेश के जिलों  के संभावित मौसम वितरण इस प्रकार है:  

5  जनवरी को कहीं -कहीं  वर्षा और वज्रपात वाले जिले हैं – नीमच  मंदसौर, आगर, राजगढ़  ग्वालियर , दतिया , भिंड , मुरैना ,श्योपुर,  गुना और शिवपुरी। जबकि  6 -7 जनवरी  को कहीं -कहीं झोंकेदार हवाओं के साथ ओलावृष्टि , वज्रपात और वर्षा की संभावना वाले जिलों में उज्जैन ,आगर, शाजापुर , देवास , राजगढ़ , सीहोर, भोपाल, विदिशा , रायसेन ,गुना ,अशोक नगर , शिवपुरी , श्योपुर  कलां, दतिया , सागर, निवाड़ी , टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना के अलावा  भिंड , मुरैना ,ग्वालियर ,नीमच , मंदसौर, इंदौर, धार, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर ,बड़वानी, खरगोन ,खंडवा ,बुरहानपुर , हरदा, होशंगाबाद, बैतूल, रीवा , सतना  दमोह, छिंदवाड़ा ,नरसिंहपुर ,जबलपुर और  कटनी शामिल हैं।

8  जनवरी को खंडवा ,खरगोन , धार, इंदौर, देवास , आगर, शाजापुर  और ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल, होशंगाबाद,जबलपुर, रीवा  और शहडोल संभाग में कहीं -कहीं वर्षा और वज्रपात होने की संभावना व्यक्त की गई है। वहीं 9 और 10 जनवरी को बैतूल, निवाड़ी , टीकमगढ़, छतरपुर,पन्ना , दमोह और जबलपुर , रीवा  और शहडोल संभाग के  जिलों में कहीं -कहीं वर्षा और वज्रपात होने की संभावना व्यक्त की गई है।

जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव

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