राज्य कृषि समाचार (State News)

CG सरकार का बड़ा फैसला: पाम ऑयल की खेती पर केंद्र के साथ राज्य भी देगा अनुदान, बढ़ेगी किसानों की आय

08 जुलाई 2025, रायपुर: CG सरकार का बड़ा फैसला: पाम ऑयल की खेती पर केंद्र के साथ राज्य भी देगा अनुदान, बढ़ेगी किसानों की आय –  छत्तीसगढ़ सरकार ने पाम ऑयल (तेल ताड़) की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार अब केंद्र सरकार की मौजूदा योजना के अतिरिक्त अनुदान देगी। इसका सीधा फायदा उन किसानों को मिलेगा जो ऑयल पॉम की खेती करते हैं या करना चाहते हैं। इस कदम से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

केंद्र और राज्य से मिलेगा डबल अनुदान

देश में खाद्य तेलों की भारी मांग है, जिसे आयात से पूरा किया जाता है। भारत सरकार ने “नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स – ऑयल पॉम” शुरू किया है, जिससे तिलहन उत्पादन बढ़ाया जा सके। अब इस योजना में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी भागीदारी करते हुए किसानों को अतिरिक्त मदद देने का निर्णय लिया है। यानी अब किसानों को दोनों स्तर पर वित्तीय मदद मिलेगी।

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कृषकों को क्या-क्या मिलेगा?

पौधरोपण पर अनुदान: प्रति हेक्टेयर 143 पाम ऑयल पौधों के लिए ₹29,000 का अनुदान दिया जाएगा।

रखरखाव (4 वर्षों तक):

1. ₹5,250 प्रति हेक्टेयर केंद्र सरकार से
2. ₹2,625 प्रति हेक्टेयर राज्य सरकार से (टॉप-अप)
3.  कुल ₹7,875 प्रति हेक्टेयर, जो पौधों की देखरेख, खाद, उर्वरक, थाला निर्माण आदि में सहायक होगा।

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बीच की फसल (इंटरक्रॉपिंग) के लिए: पौधों के बीच खाली स्थान में अन्य फसलें उगाने पर ₹22,375 प्रति हेक्टेयर का अनुदान मिलेगा।

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सिंचाई सुविधाओं पर सहायता

बोरवेल (यदि 2 हेक्टेयर में खेती):
1. ₹50,000 बोरवेल के लिए
2. ₹25,000 प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त अनुदान

पंपसेट: ₹27,000 केंद्र से + ₹16,500 प्रति हेक्टेयर राज्य से

अन्य सहायता

फेंसिंग (बाड़बंदी): 

सीमेंट पोल और चैनलिंक वायर से फेंसिंग हेतु ₹1,08,970 प्रति हेक्टेयर।

ड्रिप सिंचाई सिस्टम:

1. ₹14,130 केंद्र सरकार से
2. ₹6,636 राज्य सरकार से अतिरिक्त टॉप-अप

कमाई और लागत का पूरा गणित

पहले 4 वर्षों में खर्च: भूमि तैयारी, पौधरोपण, खाद, सिंचाई आदि पर ₹25,000 से ₹30,000 प्रति हेक्टेयर प्रतिवर्ष।

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4 से 6 वर्ष में आमदनी: उत्पादन शुरू होने के बाद प्रति हेक्टेयर ₹70,000 से ₹2.7 लाख सालाना आमदनी हो सकती है।

सरकार द्वारा तय खरीदी मूल्य

सरकार ने पाम ऑयल फल का खरीद मूल्य ₹18,351 प्रति टन तय किया है, जिससे किसान को निश्चित आय की गारंटी मिलती है।

ऑयल पॉम की खेती क्यों फायदेमंद है?

1. उत्पादन अधिक: एक एकड़ से 10–12 टन तेल निकलता है।
2. कम खर्च: दवाई व मजदूरी की जरूरत न्यूनतम।
3. किसान को सुरक्षा: सीधे अनुबंधित कंपनी द्वारा फसल की खरीदी।
4. हर तरह की मिट्टी पर संभव: केवल सिंचाई की सुविधा होनी चाहिए।
5. उपयोग बहुआयामी: खाद्य तेल, कॉस्मेटिक, साबुन, औद्योगिक उत्पादों में।

संग्रहण केंद्र की सुविधा भी मिलेगी

राज्य सरकार की ओर से ऑयल पॉम फसल की खरीदी के लिए संग्रहण केंद्र (कलेक्शन पॉइंट) की स्थापना की जा रही है, जिससे किसानों को फसल बेचने में सुविधा होगी। इस योजना से छत्तीसगढ़ में पाम ऑयल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य की आयात पर निर्भरता घटेगी और किसानों को स्थायी और लाभकारी आय का स्रोत मिलेगा।

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