करेला किसानों के जीवन में घोल रहा है मिठास, आर्थिक स्थिति बदल दी
11 सितम्बर 2025, भोपाल: करेला किसानों के जीवन में घोल रहा है मिठास, आर्थिक स्थिति बदल दी – करेला भले ही स्वाद में कड़वा लगता हो लेकिन इसी करेली की खेती ने यूपी के कुंडा जिले के किसानों के जीवन में मिठास घोली है. दरअसल इस क्षेत्र के किसानों ने करेले की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति को बदल लिया है.
कुंडा के नौबस्ता गांव से शुरू हुई करेले की खेती अब 25 से अधिक गांवों में फैल चुकी है. एक समय था जब यहां के किसान पारंपरिक धान और गेहूं पर निर्भर थे, लेकिन अब वे करेला बेचकर लाखों रुपये कमा रहे हैं. प्रतापगढ़ जिले के साथ-साथ अब नौबस्ता, दरियापुर, दलापुर, गढ़वा जैसे 25 गांवों में 400 बीघे से ज्यादा इलाको में करेले की खेती हो रही है. इस खेती से किसानों की अच्छी कमाई तो हो ही रही है साथ ही यहां सैकड़ों मजदूरों को रोजगार भी मिल रहा है. बेल की देखभाल, सिंचाई, कटाई और बाजार तक ढुलाई जैसे कामों में पुरुषों के साथ महिलाएं भी जुड़ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस इलाके से हर दिन लगभग 150 टन करेला दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार जैसे राज्यों में भेजा जा रहा है. यहां के किसान अब फसल बेचने बाजार नहीं जाते, बल्कि खरीदार खुद ट्रक लेकर खेतों पर आते हैं और नकद भुगतान करके करेला खरीद कर ले जाते हैं. इससे किसानों को तुरंत पैसा मिल जाता है और कोई जोखिम भी नहीं रहता. औसतन 1 टन करेला 20 हजार में बिकता है. वहीं, अगस्त से नवंबर तक बाजार में ज्यादा मांग लगभग 4500 टन करेले की बिक्री होती है. बता दें कि, इस चार महीने की अवधि में लगभग 40 से 50 करोड़ का कारोबार होता है. कई किसानों ने बताया कि वो 2–3 बीघे में करेले की खेती से सालाना 3 से 5 लाख रुपये तक कमा रहे हैं. इसके अलावा जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार शर्मा के अनुसार, अब किसानों को और बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकारी योजनाएं और तकनीकी सहायता भी मुहैया कराई जाएगी.
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