खरीफ 2025 से पहले बड़ी तैयारी: MPUAT ने लॉन्च की 6 नई फसल किस्में
18 अप्रैल 2025, उदयपुर: खरीफ 2025 से पहले बड़ी तैयारी: MPUAT ने लॉन्च की 6 नई फसल किस्में – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी), उदयपुर में 16-17 अप्रैल को क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति (संभाग चतुर्थ-अ) की दो दिवसीय बैठक आयोजित हुई। अनुसंधान निदेशालय के सभागार में हुई इस बैठक में खरीफ 2025 के लिए कृषि अनुसंधान और तकनीकी विकास पर चर्चा की गई।
नई फसल किस्में और पेटेंट में प्रगति
बैठक में निदेशक अनुसंधान डॉ. अरविंद वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय ने पिछले वर्षों में 54 पेटेंट हासिल किए हैं। इसके अलावा, बकरी की तीन नस्लों—सिरोही, गुजरी और करौली—को राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्टर्ड किया गया। उन्होंने कहा, “इस वर्ष हमने अफीम की चेतक किस्म, मक्का की पीएचएम-6, असालिया (प्रताप असालिया-1), ईसबगोल (प्रताप ईसबगोल-1), अश्वगंधा (प्रताप अश्वगंधा-1) और मूंगफली (प्रताप मूंगफली-4) की नई किस्में विकसित की हैं।” साथ ही, चरी मक्का की दो किस्मों (पीएमसी-14 और पीएमसी-16) को राष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदन के लिए भेजा गया है।
डॉ. एस.एस. शेखावत, अतिरिक्त निदेशक (विस्तार), जयपुर ने वैज्ञानिकों से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), लघु उपकरण मशीनीकरण, एफपीओ, जीआई टैग और तिलहनी फसलों पर केंद्रित अनुसंधान करने का आग्रह किया। उन्होंने वैज्ञानिकों के प्रस्तुतीकरण की समीक्षा की और किसानों के लिए उपयोगी सुझाव दिए।
खरीफ 2024 की चुनौतियां और समाधान
श्री आई.एस. संचेती, अतिरिक्त निदेशक (कृषि विभाग), भीलवाड़ा ने खरीफ 2024 में वर्षा के असमान वितरण, विभिन्न फसलों के क्षेत्र और उनकी उत्पादकता पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने संभाग में फसलों को प्रभावित करने वाली समस्याओं को उठाया और वैज्ञानिकों से इनके समाधान के लिए उपाय सुझाने का अनुरोध किया।
क्षेत्रीय अनुसंधान पर फोकस
क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ. अमित त्रिवेदी ने संभाग की कृषि जलवायु परिस्थितियों और नई अनुसंधान तकनीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने फसलों में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए एक विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
बैठक में डॉ. आर.एल. सोनी (निदेशक, विस्तार शिक्षा), डॉ. आर.बी. दुबे (अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय), डॉ. ए.पी. सिंह (सीनियर मैनेजर, इफको) और श्री एन.एस. राठौड़ (अतिरिक्त निदेशक, कृषि विभाग, उदयपुर) ने किसानों के हित में अपने विचार साझा किए। विभिन्न वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने खरीफ 2024 के अनुसंधान और विस्तार कार्यों पर प्रस्तुतीकरण दिया, जिसके आधार पर किसानों के लिए नई सिफारिशें जारी की गईं।
बैठक के अंत में डॉ. रविकांत शर्मा, उपनिदेशक (अनुसंधान निदेशालय), ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। यह बैठक खरीफ 2025 के लिए कृषि क्षेत्र में नए अनुसंधान और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
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