उज्जैन के सिंहस्थ में भी प्रयागराज जैसी व्यवस्थाओं को अपनाया जाएगा
21 जनवरी 2025, उज्जैन: उज्जैन के सिंहस्थ में भी प्रयागराज जैसी व्यवस्थाओं को अपनाया जाएगा – उज्जैन में आगामी 2028 के दौरान होने वाले सिंहस्थ को लेकर प्रशासन के साथ ही शासन भी जोर शोर से तैयारियां कर रहा है वहीं प्रदेश के साथ ही जिले के भी अफसरों द्वारा प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं को देखने के लिए वहां का भ्रमण किया जा रहा है।
बता दें कि सिंहस्थ के लिए 15 सीनियर अधिकारियों का एक दल पिछले महीने ही कुंभ शुरू होने से पहले प्रयागराज कुंभ का अध्ययन करके लौट चुका है। 15 सदस्यीय दल ने तीन दिन तक वहां वीडियो, फोटो, और अन्य दस्तावेजों के जरिए जानकारी ली। इस दल का नेतृत्व उज्जैन एडीजी उमेश जोगा ने किया। दल में उज्जैन संभाग के कमिश्नर संजय गुप्ता, डीआईजी उज्जैन नवनीत भसीन, और डीआईजी गुप्तवार्ता पीएचक्यू तरुण नायक, एसपी रेल राहुल लोढ़ा, आईपीएस हितेश चौधरी, एएसपी साइबर सेल उज्जैन, संदीप सोनी और अन्य अधिकारी भी शामिल थे। वहां गए अफसरों के अनुसार 2028 के सिंहस्थ के लिए सबसे अधिक ध्यान ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट पर रहेगा। प्रयागराज में भीड़ प्रबंधन के लिए जिस दिशा से भीड़ आती है, उसके अनुसार अलग- अलग घाट बनाए गए हैं। जैसे लखनऊ से आने वाली भीड़ के लिए अलग घाट और मध्य प्रदेश से आने वाली भीड़ के लिए अलग घाट हैं। प्रयागराज में कुंभ के दौरान पुलिसकर्मियों के ठहरने के लिए टेंट बनाए गए है, लेकिन इस बार उज्जैन में स्थायी निर्माण किए जाएंगे जो भविष्य में भी काम आएंगे। 2016 के सिंहस्थ में 22 हजार पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन 2028 के सिंहस्थ में उनकी संख्या दोगुनी हो सकती है। कुंभ मेले में होटल रूम और कॉटेज के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यूपी सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उसी तरह के उपाय उज्जैन सिंहस्थ में भी लागू किए जाएंगे। खोया-पाया केंद्रों में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग प्रयागराज में किया गया है, जिसे उज्जैन में भी लागू किया जा सकता है।
कुंभ शुरु होने से पहले भी प्रदेश के अफसरों का एक दल प्रयागराज में तैयारियों का जायजा लेने गया था। इसके बाद अब दूसरा दल भी वहां पर पहुंच चुका है। इस दल में उज्जैन कलेक्टर एसपी से लेकर स्थानीय अफसर शामिल हैं। यह अफसर वहां पर 21 जनवरी तक रहकर आयोजन से संबंधित जानकारी लेंगे और मौके पर की की व्यवस्थाओं को भी देखेंगे। इस दौरान वे साधु संतों, अखाड़ों का दौरा करेंगे। भीड़ प्रबंधन, घाटों, बस, रेलवे स्टेशन, पार्किंग आदि स्थलों का दौरा करेंगे। उप्र सरकार ने मेला क्षेत्र को कुंभ होने तक अलग जिला घोषित किया है। मप्र के अधिकारी कुंभ से जुड़े अधिकारियों से भी चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रयागराज कुंभ के अध्ययन के लिए नगरीय प्रशासन, जल संसाधन, धर्मस्व, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, परिवहन के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी भी जाएंगे। कुंभ शुरू होने से पहले अधिकारियों के अलग-अलग दल जा चुके हैं।
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