राज्य कृषि समाचार (State News)

किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: MP में वाटरशेड मिशन से 9 हजार को सब्सिडी मिलेगी

06 अक्टूबर 2025, भोपाल: किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: MP में वाटरशेड मिशन से 9 हजार को सब्सिडी मिलेगी – मध्य प्रदेश के 36 जिलों के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (वाटरशेड मिशन) के तहत योजना का विस्तार करते हुए अब लगभग 9,000 किसानों को सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। पहले यह योजना 14 जिलों में धार, रतलाम, खरगोन, बड़वानी, सागर, गुना, इंदौर, श्योपुर समेत 14 जिलों में लागू थी, जहां लगभग 3,000 किसान इसका लाभ उठा रहे थे। अब यह योजना 36 जिलों की 85 परियोजनाओं में विस्तार पा चुकी है।

इस योजना के तहत किसानों को जल संरक्षण के साथ-साथ खेती के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाता है। राज्य सरकार की ओर से जारी प्रेस बयान के अनुसार, वर्तमान में योजना का लाभ उठा रहे 14 जिलों के किसान कलस्टर आधारित सब्जी की खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी वार्षिक आय 40,000 से 50,000 रुपये तक बढ़ी है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि गांवों की ग्रामीण आजीविका और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है।

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योजना के प्रमुख लाभ और सुविधाएं

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (वाटरशेड मिशन) की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें पहली बार जल संरक्षण को आजीविका से जोड़ा गया है। इससे किसानों को सीधे लाभ होता है। उदाहरण के तौर पर, रतलाम जिले के नौगांवाकला गांव के किसान तेजपाल, जो पहले केवल अपने परिवार के लिए सब्जी उगाते थे, अब आधे एकड़ जमीन पर टमाटर और मिर्च की कमर्शियल खेती कर रहे हैं।

योजना के तहत, प्रत्येक प्रोजेक्ट में सिंचाई की सुविधा वाले 100 से 150 किसानों का चयन किया गया है। किसानों को वैज्ञानिक खेती की तकनीकी ट्रेनिंग देने के लिए 835 लीड वेजिटेबल फार्मर मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्यरत हैं, जो गांवों में सब्जी उत्पादन की आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धतियों को सिखा रहे हैं।

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आर्थिक मदद और संसाधन उपलब्धता

इस योजना में किसानों को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। हर किसान को 30,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है, जो खाद, बीज, दवाइयों और अन्य आवश्यक संसाधनों की खरीद में इस्तेमाल होती है। साथ ही, गांवों में 50 से 60 किसानों के लिए शेड नेट नर्सरी भी स्थापित की जा रही हैं, ताकि किसानों को उन्नत किस्म के पौधे समय पर उपलब्ध हो सकें। इन नर्सरियों के लिए सरकार 1.30 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है।

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योजना का महत्व और भविष्य की दिशा

वाटरशेड संचालक अवि प्रसाद ने बताया कि यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसान केवल मौसम पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि तकनीक और योजना के आधार पर खेती कर अपनी आय और समृद्धि को बढ़ा सकेंगे। यह पहल किसानों को सतत और लाभकारी कृषि की ओर प्रेरित करती है।

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