राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान में यूरिया-डीएपी की टैगिंग पर प्रतिबंध, एफसीओ के तहत की जाएगी कार्रवाई  

12 सितम्बर 2025, भोपाल: राजस्थान में यूरिया-डीएपी की टैगिंग पर प्रतिबंध, एफसीओ के तहत की जाएगी कार्रवाई – रबी सीजन 2025-26 के लिए राजस्थान में उर्वरकों की आपूर्ति और वितरण को सही ढंग से संचालित करने के लिए कृषि विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। डॉ. सतीश शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग ने कहा है कि किसानों को समय पर और संतुलित मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराना जरूरी है। इसके लिए विभाग ने खाद विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर विभाग द्वारा जारी बैनर और फ्लैक्स चिपकाने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसान उर्वरकों के सही उपयोग से अवगत रहें।

टैगिंग पर रोक और शिकायतों पर सख्त कार्रवाई

कृषि विभाग को यह जानकारी मिली है कि कुछ आपूर्तिकर्ता और निर्माता कंपनियां यूरिया और डीएपी उर्वरकों के साथ अन्य उत्पाद जैसे सल्फर, हर्बीसाइड, पेस्टिसाइड, सूक्ष्म तत्व मिश्रण और बायोफर्टिलाइजर भी टैग कर बेच रही हैं। यह पूरी तरह से गलत है और एफसीओ, 1985 तथा उर्वरक संचलन आदेश एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 का उल्लंघन है। विभाग ने साफ निर्देश दिया है कि यूरिया और डीएपी के साथ किसी भी अन्य उत्पाद की टैगिंग नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसी कोई शिकायत मिलती है, तो संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उर्वरकों की सही बिक्री और निगरानी

इसके अलावा, विभाग ने कहा है कि यूरिया और डीएपी के विक्रय में अधिकतम पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी विक्रेताओं को पीओएस मशीन के माध्यम से ही बिक्री करनी होगी। पीओएस मशीन का स्टॉक और वास्तविक स्टॉक बराबर होना जरूरी है। उर्वरकों का गैर-कृषि कार्यों में उपयोग रोकने के लिए सीमावर्ती राज्यों में चेक पोस्ट बनाए जाएंगे। विभाग ने जमाखोरी, कालाबाजारी, अवैध भंडारण और अनुदानित उर्वरकों के गलत इस्तेमाल पर भी सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।

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