बलराम तालाब योजना: किसानों को 1 लाख तक की सब्सिडी, ऐसे उठाएँ लाभ
31 जनवरी 2025, भोपाल: बलराम तालाब योजना: किसानों को 1 लाख तक की सब्सिडी, ऐसे उठाएँ लाभ – मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में कई योजनाओं के तहत किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहायता दी गई है। इनमें खाद्य एवं पोषण सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और बलराम तालाब जैसी योजनाएँ शामिल हैं।
फसल बीमा और अनुदान योजनाएँ
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस साल 207 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट और 644 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना स्वीकृत की गई है। वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 25.79 लाख किसानों को 755 करोड़ रुपये का दावा भुगतान किया गया। बीमा क्लेम के भुगतान में तेजी लाने के प्रयास जारी हैं।
बीज गुणवत्ता और वितरण
प्रदेश में किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए खरीफ 2024 में 22.87 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित किए गए। बीज परीक्षण के लिए 10 प्रयोगशालाएँ कार्यरत हैं। वर्ष 2023-24 में 17,376 बीज नमूने लिए गए, जिनमें से 1,130 अमानक पाए गए, जिसके चलते 1,070 मामलों में विक्रय प्रतिबंधित किया गया और कई लाइसेंस निलंबित या निरस्त किए गए।
राष्ट्रीय मिशन ऑन ईडीबल ऑयल-तिलहन योजना के तहत 2024-25 के लिए 3,629.05 लाख रुपये का बजट जारी किया गया, जिसमें से अब तक 1,991.45 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
बलराम तालाब योजना के तहत किसानों को तालाब निर्माण में अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत सामान्य किसानों को लागत का 40% (अधिकतम ₹80,000), लघु एवं सीमांत किसानों को 50% (अधिकतम ₹80,000) और अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को 75% (अधिकतम ₹1,00,000) तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। वर्ष 2023-24 में 569.30 लाख रुपये खर्च कर 662 तालाब बनाए गए। अगले वर्ष के लिए 6,144 तालाब निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
रेनफेड एरिया डेवेलपमेंट
इस योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 144.35 लाख रुपये खर्च किए गए और 1,392 हेक्टेयर भूमि के किसानों को लाभ दिया गया। यह योजना वर्षा आधारित क्षेत्रों में किसानों को अतिरिक्त सहायता देने के लिए चलाई जा रही है।
फसल विविधीकरण योजना में 4,797 हेक्टेयर भूमि पर 6,726 किसानों को लाभ दिया गया, जिसके तहत अब तक 983.45 लाख रुपये का बायबैक किया जा चुका है। वहीं, एग्रोफॉरेस्ट्री योजना में 141 लाख रुपये खर्च कर चार नर्सरियों को सहायता दी गई।
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