किसानों को सीधे खातों में मिलेगी सब्सिडी? सरकार कर रही DBT प्रणाली पर विचार
29 जनवरी 2025, नई दिल्ली: किसानों को सीधे खातों में मिलेगी सब्सिडी? सरकार कर रही DBT प्रणाली पर विचार – केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में नीतिगत सुधार लाने पर काम कर रही है और जल्द ही खाद, बीज और कृषि उपकरणों पर दी जाने वाली सब्सिडी को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए किसानों के खातों में भेजने पर विचार कर सकती है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी।
सोमवार को गणतंत्र दिवस पर विशेष आमंत्रित किसानों से बातचीत के दौरान मंत्री ने बताया कि सरकार खाद पर हर साल करीब 2 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी खर्च करती है। उन्होंने कहा, “एक बोरी यूरिया किसानों को मात्र 265 रुपये में मिलती है, जबकि इसकी असल कीमत 2400 रुपये होती है। वर्तमान में यह सब्सिडी कंपनियों को दी जाती है, लेकिन अगर कोई भरोसेमंद प्रणाली विकसित होती है, तो यह राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जा सकती है।”
DBT से बढ़ेगा किसानों का बैंक बैलेंस
मंत्री ने आगे बताया कि अगर खाद सब्सिडी को भी पीएम किसान सम्मान निधि की तरह DBT के जरिए किसानों को दिया जाए, तो उनके बैंक खातों में बड़ी धनराशि जमा हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ड्रिप सिंचाई, पॉलीहाउस और ट्रैक्टर जैसी कृषि संबंधी सब्सिडी को भी DBT प्रणाली से जोड़ने की संभावना तलाश रही है।
सरकार उठाएगी कृषि उत्पादों के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च?
चौहान ने यह भी बताया कि सरकार किसानों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत दिलाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन खर्च वहन करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, “कई बार किसान का उत्पाद गांव में सस्ता होता है, लेकिन शहरों तक पहुंचते-पहुंचते महंगा हो जाता है। हम इस अंतर को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की भागीदारी से ट्रांसपोर्ट खर्च साझा करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।”
उन्होंने सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए अन्य कदमों का भी जिक्र किया, जैसे सोयाबीन तेल के आयात पर 20% शुल्क लगाने और बासमती चावल के निर्यात से रोक हटाने का निर्णय। इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत किए जा रहे सर्वे की भी जानकारी दी।
गणतंत्र दिवस परेड देखने आई ‘ड्रोन दीदीयों’ से भी मंत्री ने मुलाकात की और उनसे उनके अनुभव साझा किए।
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