पटना में खुलेगा एपीडा का कार्यालय: शाही लीची से मखाना तक, अब बिहार के कृषि उत्पाद पहुंचेंगे विदेश
28 जुलाई 2025, भोपाल: पटना में खुलेगा एपीडा का कार्यालय: शाही लीची से मखाना तक, अब बिहार के कृषि उत्पाद पहुंचेंगे विदेश – बिहार के किसानों और कृषि व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने पटना के मीठापुर स्थित कृषि भवन परिसर में अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोलने को मंजूरी दे दी है। इससे किसानों को वैश्विक बाजार से जुड़ने में बड़ी मदद मिलेगी।
राज्य के कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह उपलब्धि बिहार सरकार के लगातार प्रयासों का नतीजा है। अब एपीडा का कार्यालय राज्य में ही मौजूद रहेगा, जिससे किसानों, एफपीओ (FPOs), प्रोसेसरों और निर्यातकों को प्रशिक्षण, प्रमाणन, पैकेजिंग और अन्य जरूरी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी।
बिहार के कृषि उत्पादों को मिलेगा वैश्विक बाज़ार
कृषि मंत्री ने बताया कि बिहार शाही लीची के राष्ट्रीय उत्पादन में 71%, मखाना में 85%, सब्जियों में 9%, और मक्का उत्पादन में 7% का योगदान देता है। फिर भी, 2023 में बिहार का कृषि-उद्यानिकी निर्यात केवल 17.6 मिलियन डॉलर रहा। नए क्षेत्रीय कार्यालय से प्रमाणन, ट्रेसेबिलिटी और पैकहाउस मानकों में सुधार होगा, जिससे राज्य के कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहतर दाम और पहचान मिलेगी।
पहले साल के लक्ष्य क्या हैं?
बिहार सरकार ने पहले वर्ष के लिए ये लक्ष्य तय किए हैं:
1. 50 एफपीओ को ऑनबोर्ड करना
2. 20,000 किसानों को निर्यात संबंधी प्रशिक्षण देना
3. 10 पैकहाउस का प्रमाणन करना
इसके अलावा, अगले 3 वर्षों में कृषि निर्यात में तीन गुना बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है।
एपीडा की भूमिका क्या है?
एपीडा (APEDA) की स्थापना 1985 में एक अधिनियम के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि उत्पादों का प्रमाणीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण और निर्यात में सहयोग देना है। पटना में नया क्षेत्रीय कार्यालय इन सेवाओं को अब स्थानीय स्तर पर सीधे किसानों, एफपीओ और प्रोसेसरों तक पहुंचाएगा।
किसानों को
क्या होगा फायदा?
नए कार्यालय से किसानों को निम्नलिखित प्रमुख लाभ मिलेंगे:
1. निर्यात की प्रक्रिया का प्रशिक्षण
2. पैकिंग और गुणवत्ता मानकों की जानकारी
3. ग्लोबल मार्केट की मांग के अनुसार उत्पाद तैयार करने में मदद
4. आमदनी में वृद्धि और कृषि को लाभकारी व्यवसाय में बदलने की दिशा में मदद
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