राज्य कृषि समाचार (State News)

सतना में कृषि विज्ञान मेले का हुआ शुभारंभ

21 फरवरी 2024, सतना: सतना में कृषि विज्ञान मेले का हुआ शुभारंभ – हमारे किसानों द्वारा उगाए गए अन्न से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। साथ ही प्रदेश का किसान आर्थिक रुप से सशक्त भी हो रहा है। सरकार की फसलों पर समर्थन मूल्य देने की नीति से किसानों की आर्थिक उन्नति हुई है। सरकार का किसानों से दोगुनी आय करने के संकल्प को पूरा करने में गति मिली है। राज्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसानों द्वारा उगाई गई फसल रुपी से सोने का सेवन करनें से हमें कार्य करने की शक्ति मिलती है। वास्तव में अन्नदाता ही हमारा जीवन दाता है। उक्त विचार राज्य की नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने मंगलवार को एकेएस विश्वविद्यालय सतना में प्रदेश स्तरीय तृतीय कृषि विज्ञान मेले के शुभारंभ के अवसर पर कही। उद्घाटन के बाद अतिथियों द्वारा कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।

रसायन मुक्त खेती की ओर बढ़ें किसान – राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने कृषि मेले का शुभारंभ करते हुए  कहा कि मेले की थीम इम्पावरिंग द फॉर्मर थू्र नेचुरल आर्गेनिक फॉर्मिंग पर आगे बढ़ते हुये किसान जैविक और प्राकृतिक खेती को अपनायें और रसायन मुक्त खेती को महत्व दें। प्राकृतिक और जैविक खेती सभी मायनों में हमारे स्वास्थ्य और मृदा स्वास्थ्य के लिये लाभप्रद हैं। उन्होने कहा कि रसायन युक्त खेती के अनेकों दुष्प्रभाव हैं। वर्तमान में खेती की उपज ज्यादा लेने के उद्देश्य से रसायनों की बिना सोचे समझे उपयोग किया जा रहा है। जिसके दुष्परिणाम के रुप में हमे विभिन्न प्रकार की गंभीर रोग की स्वास्थ्य समस्यायों से जूझना पड़ रहा है।

Advertisement
Advertisement

मोटे अनाज के उत्पादों की  मिलती है अच्छी कीमत – श्रीमती  बागरी ने कहा कि आज का समय आधुनिकता है। सभी क्षेत्रों में हम सभी आधुनिकता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। किसान भी खेती के कामों को आधुनिकता के साथ करें। मोटे अनाजों की खेती को बढ़ाने में किसान सहयोग करें। मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिये सरकार भी सहयोग कर रही है। मोटे अनाज के उत्पादों की कीमत पारंपरिक खेती के उत्पादों से ज्यादा होती है। इसका बाहर निर्यात होने से किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी मोटे अनाज (मिलेट) की खेती से होने वाले फायदों पर जोर दे रहे हैं। विदेशों में भारतीय उत्पादों की मांग बहुत ज्यादा है। मिलेट हमारी सभ्यता का, हमारे भोजन का अभिन्न अंग था। धीरे-धीरे इसकी मात्रा हमारे भोजन में कम होने लगी। लेकिन प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मिलेट को बढ़ावा देने की अभिनव पहल की और सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। सरकार के प्रयासों से मोटे अनाज की खेती को करने में किसान भी अपनी रूचि दिखा रहे हैं। मध्यप्रदेश में फसल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रोत्साहन योजनाएं और मार्गदर्शी कार्यक्रमों का संचालन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। अब शिक्षित युवाओं द्वारा भी कृषि को रोजगार के रूप में अपनाना प्रारंभ किया गया है। विश्वविद्यालय में अध्ययनरत कृषि संकाय के विद्यार्थी आधुनिक कृषि और उसकी तकनीकों के बारे में गहन अध्ययन करें। उद्घाटन के बाद अतिथियों द्वारा कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। अतिथियों का स्वागत एवं परिचय डॉ. हर्षवर्धन ने दिया। इसके पश्चात अधिष्ठाता कृषि एवं तकनीकी संकाय डॉ. एस.एस. तोमर ने कृषि विज्ञान मेले का उद्देश्य निरूपित किया।

इस  मौके  पर पद्मश्री श्री बाबूलाल दहिया, श्री निशांत कुमार टाक, महाप्रबंधक कृषि जागरण डॉ.दिनेश कुमार, कृषि वैज्ञानिक श्री ए.के. चतुर्वेदी, साउथ अफ्रीका से तोजामा कुलाटी सिविसा, डॉ. आर.पी. चौधरी, श्री भरत मिश्रा, श्री बी.के. खरे, उप संचालक कृषि श्री मनोज कश्यप, संचालक आत्मा परियोजना श्री राजेश त्रिपाठी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुष्मिता सिंह परिहार, नेपाल झा, श्री जयप्रताप बागरी, कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां से डॉ. आर.एस. नेगी सहित बड़ी संख्या में किसान और विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर संकाय के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रोफे. डॉ. आर.सी. त्रिपाठी ने किया।

Advertisement8
Advertisement

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Advertisements
Advertisement5
Advertisement