झाबुआ में कामलिया कीट पर नियंत्रण हेतु सलाह दी गई
09 जुलाई 2024, झाबुआ: झाबुआ में कामलिया कीट पर नियंत्रण हेतु सलाह दी गई – खरीफ मौसम की फसलें यथा मक्का, सोयाबीन, मूंग, उड़द इत्यादि फसलों पर कामलिया कीट का प्रकोप होने पर इसके नियंत्रण हेतु उप संचालक कृषि जिला झाबुआ श्री एन.एस. रावत द्वारा किसान हित में समसामयिक सलाह दी गई है। उल्लेखनीय है कि झाबुआ जिले में खरीफ मौसम 2024 अंतर्गत 189260 हैक्टेयर रकबा लक्षित होकर 171224 हेक्टेयर रकबे मे बुआई कार्य पूर्ण संपन्न होकर फसलें लगभग 12 से 13 दिन की हो चुकी है। वर्षा की स्थिति भी सामान्य होकर अद्यतन 166.97 मि.मी. रेकार्ड की जा चुकी है।
कामलिया कीट का प्रकोप कहां और कैसे होता है ? – जिले के अधिकांश कृषिगत रकबा हल्का, उथली व पथरीली जमीन का होकर अल्प वर्षा व वर्षा अन्तराल अधिक होना इस कीट के प्रकोप हेतु अनुकूल जलवायु मानी जाती है। जो खेत वन क्षेत्र के सटा हुआ हो उन क्षेत्र में कामलिया कीट का प्रभाव अधिक देखा जा सकता है।
कामलिया कीट के नुकसान का तरीका:- कीट की इल्ली अवस्था खरीफ फसलों को अधिक नुकसान पहुंचाती है। इल्लियां छोटी व भूरे रंग की होकर फसल की कोमल पत्तियों को खाती है। इस कीट की इल्लियां अपने पूरे जीवन काल में पांच से छः बार केचूली उतार कर पूर्ण विकसित होकर फसलों को काफी नुकसान पहुंचाती है।
निम्न सावधानियां रखें – किसानों द्वारा खेत का नियमित निरीक्षण नही किया जाता है। खेत में इल्ली का प्रकोप अधिक हो जाता है, तब नियंत्रण हेतु प्रयास करते हैं, जो कि अनुचित है। किसानों को कामलिया कीट के नियंत्रण हेतु खेत का नियमित निरीक्षण करना चाहिए । खेत फसल के साथ-साथ खेत की मेड़ को साफ सुथरा रखे। मुख्य फसल के किनारे पर गार्ड फसल के रूप में मूंगफली, लोबिया की एक कतार लगाएं । कीट नियंत्रण हेतु प्रारंभिक तौर पर नीम तेल का छिड़काव करें। खेत में कीट का प्रकोप बढ़ने पर अनुशंसित कीट नाशक दवाई क्यूनालफॉस / क्लोरीपाईरीफास / प्रोपेनोफास सायफर मेथ्रिन दवाई का उचित घोल (जैसे 40 से 50 मि.ली. प्रति स्प्रे पंप) बनाकर छिड़काव करे। छिड़काव हेतु तैयार घोल में 10 से 15 ग्राम डिटरजेन्ट पाउडर मिला कर छिड़काव करे। दवाई का छिड़काव हवा के विपरीत दिशा में न करे। खेत फसल में दवाई का छिड़काव करते समय किसी प्रकार का धुम्रपान न करें और नाक, मुंह इत्यादि कपड़े से ढंक कर रखें ।
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