बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
10 सितम्बर 2024, पटना: बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती – बिहार में कृषि उद्यमिता को नई दिशा देते हुए पूर्णिया के सॉफ्टवेयर इंजीनियर कुणाल चौधरी ने ड्रैगन फ्रूट की खेती में सफलता की कहानी लिखी है। कोरोना महामारी के दौरान नौकरी छोड़कर अपने गांव लौटे कुणाल ने खेतों में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की, जिससे अब न सिर्फ उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है बल्कि उन्होंने आसपास के किसानों को भी इस उच्च लाभकारी फसल की ओर प्रेरित किया है।
कुणाल बताते हैं कि एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर लगभग ₹6 लाख का खर्च आता है, जबकि दूसरे और तीसरे साल से इसकी सालाना आय ₹10 लाख तक पहुंच जाती है, जो 20 से 25 वर्षों तक स्थिर रहती है। उनकी इस पहल से कई किसान अब ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
कुणाल के खेतों में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि प्रतिदिन करीब 10 मजदूर यहां काम करते हैं, जिससे गांव में रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं। वहीं, पूर्णिया के जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि बिहार सरकार की योजनाओं का असर दिखने लगा है और बड़ी संख्या में युवा किसान अब ड्रैगन फ्रूट जैसी लाभदायक फसलों की ओर बढ़ रहे हैं। सरकार इस दिशा में किसानों को अनुदान भी प्रदान कर रही है, जिससे कृषि उद्योग को और बढ़ावा मिल रहा है।
कुणाल की मेहनत का असर अब साफ दिखने लगा है, क्योंकि उनके उदाहरण से प्रेरित होकर कई किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू कर चुके हैं। आने वाले दिनों में इस फसल से किसानों को बड़ी आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद है।
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