राज्य कृषि समाचार (State News)

किसानों की आय बढ़ाने के लिए MP में नया मिशन शुरू, एकसाथ जुड़ेंगी सभी योजनाएं

16 अप्रैल 2025, भोपाल: किसानों की आय बढ़ाने के लिए MP में नया मिशन शुरू, एकसाथ जुड़ेंगी सभी योजनाएं – भोपाल में मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। प्रदेश में कृषि और उससे जुड़े विभिन्न विभागों की योजनाओं को एकीकृत करते हुए ‘मध्यप्रदेश कृषक कल्याण मिशन’ की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। इस मिशन के ज़रिए सरकार का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, जलवायु-अनुकूल खेती और परंपरागत कृषि ज्ञान का संरक्षण बताया गया है।

क्या है कृषक कल्याण मिशन?

इस मिशन के तहत कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, सहकारिता, खाद्य प्र-संस्करण और नागरिक आपूर्ति जैसे विभागों की मौजूदा योजनाओं को एक ही मंच पर लाया जाएगा। राज्य सरकार का कहना है कि इससे नीति निर्माण और कार्यान्वयन में बेहतर समन्वय होगा और किसानों को योजनाओं का लाभ सीधे और प्रभावी ढंग से मिल सकेगा।

मिशन के प्रमुख लक्ष्य:

  • किसानों की आय में वृद्धि:
    उच्च उत्पादकता वाली फसलों को बढ़ावा, गुणवत्तापूर्ण बीज और खाद की उपलब्धता, कम ब्याज दर पर ऋण और कृषि आधारित उद्योगों को बल देने पर जोर दिया जाएगा।
  • सस्टेनेबल खेती की दिशा में प्रयास:
    जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, ‘गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस’ को अपनाना और कृषि उपज की मार्केटिंग के लिए ट्रैसेबिलिटी सिस्टम विकसित करना शामिल है।
  • मंडी सुधार:
    पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया, मंडियों का आधुनिकीकरण और मंडी के बाहर बिक्री की सुविधा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • पशुपालन और मत्स्य पालन:
    दूध संकलन को 26,000 गांवों तक बढ़ाया जाएगा, और इसकी प्रसंस्करण क्षमता को 50 लाख लीटर प्रतिदिन तक ले जाने की योजना है। वहीं, मछली पालन में ‘केज फार्मिंग’ और ‘बायोफ्लॉक’ तकनीकों के प्रयोग की बात की जा रही है।
  • पर्यावरणीय और परंपरागत पहलू:
    जलवायु-अनुकूल फसलें, जैव विविधता और पारंपरिक कृषि ज्ञान के संरक्षण जैसे पहलुओं को भी मिशन का हिस्सा बनाया गया है।

अपेक्षित परिणाम क्या हैं?

सरकारी दस्तावेज़ के अनुसार, मिशन के ज़रिए उद्यानिकी क्षेत्र का सकल वर्धित मूल्य बढ़ाया जाएगा, कृषि यंत्रीकरण में डेढ़ गुना वृद्धि की जाएगी और सूक्ष्म सिंचाई का दायरा 20 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, फसल बीमा कवरेज को 50 प्रतिशत तक पहुंचाने और संकर बीजों के उपयोग को आधे क्षेत्र तक बढ़ाने की योजना है।

इसके अलावा, प्रदेश को नरवाई जलाने से मुक्त करने, सौर ऊर्जा पंप को अनुदान पर उपलब्ध कराने, कोल्ड चेन नेटवर्क के ज़रिए मछली पालन में मूल्यवृद्धि और बेसहारा पशुओं के लिए प्रदेशव्यापी देखरेख नेटवर्क बनाने के उद्देश्य भी रखे गए हैं।

मिशन का ढांचा कैसा होगा?

मिशन की साधारण सभा की अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे, जबकि क्रियान्वयन समिति के प्रमुख मुख्य सचिव होंगे। जिला स्तर पर इसके क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी कलेक्टर को सौंपी जाएगी।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित कृषक कल्याण मिशन में कृषि क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों को एक साथ संबोधित करने का प्रयास किया गया है। अब देखना होगा कि विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर यह मिशन जमीनी स्तर पर किसानों की ज़रूरतों को कितनी प्रभावी ढंग से पूरा कर पाता है।

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