वैज्ञानिक एवं कृषि अधिकारियों के संयुक्त दल ने फसलों का किया निरीक्षण
12 जुलाई 2025, शाजापुर: वैज्ञानिक एवं कृषि अधिकारियों के संयुक्त दल ने फसलों का किया निरीक्षण – कलेक्टर श्री राघवेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग का मैदानी अमला संयुक्त (डाग्नोस्टिक टीम) जिले के विकासखण्ड बड़ौद के चिपिया, कडवाला, सुदवास, मदकोटा, रामनगर, सुआगांव, टोकड़ा, जोगीबर्डिया, बीजानगरी, गढ़ी, कछालिया, उदयपुर, रणायरा केलवा विकासखण्ड सुसनेर के ग्राम नहारखेड़ा, पिपलिया नानकर, उमरिया का भ्रमण कर कृषको को समसामायिक सलाह दी गई।
कृषक महेश कुमार सोलंकी, दयाराम सोलंकी, दिनेश परिहार के चोड़ी पत्ती खरपतवार नियंत्रण हेतु क्लोबीन 15 ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव। शंकरलाल व्यास बीजानगरी, मक्का इल्ली नियंत्रण कार्बोफुरोन 3 प्रतिशत दानेदार 3 किलोग्राम प्रति बीघा, इमाम मेक्टीन 300 ग्राम प्रति हैक्टर, रतनलाल टोकड़ा सोयाबीन इल्ली की जानकारी चाही जिसके नियंत्रण के लिये क्यूनालोफॉस 500 ग्राम प्रति एकड़ अथवा क्लोरोपायरीफॉस 600 मि.लि./प्रति एकड़ की सलाह दी गई।
देवीसिंह रामनगर खरपतवार नाशक के अधिक उपयोग होने से फसल की पत्तियों का मुरझाना इसके नियंत्रण हेतु 2 किग्रा. ग्लुकोज 500 लीटर पानी में प्रति हैक्टर में उपयोग करे इसीप्रकार ग्राम नहारखेड़ा के गंगाराम बुआई के पूर्व बीज किस्म 1135 की मात्रा की जानकारी चाही जिसके लिये वैज्ञानिको द्वारा 12 किलो प्रति बीघा की जानकारी दी गई। भ्रमण के समय पाया गया कि कृषक रमेश ग्राम सुआगांव अलग अलग तरह के खरपतवार नाशिका को मिस्क कर छिड़काव कर रहे थे जिसमें इमेजा थाईपर क्लोबीन का था जिसको वैज्ञानिको द्वारा बताया गया कि क्लोबीन एवं इमेजा थाईपर को अलग-अलग छिड़काव किया गया व क्लाबिन की 15 ग्राम प्रति एकड़ का सुझाव दिया गया।
इसी प्रकार वैज्ञानिकों ने बताया कि सोयाबीन की फसल 15 से 20 दिन की अवस्था में है, डोरा एवं कुरपा चलाकर खरपतवार का नियंत्रण करें एवं रासायनिक खरपतवार नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित खरपतवारनाशी फिनॉक्सीफॉप पी इथाइल + क्लोरम्यूरॉन इथाइल + फोमेसाफेन दवा की 1 ली. मात्रा अथवा सोडियम एसीफलोरफेन + क्लोडीनोफॉप प्रोपारगील की 1 ली. मात्रा का छिडकाव 1 हेक्टेयर क्षेत्र में करने की सलाह दी जाती है। चौडी पत्ती के खरपतवार के नियंत्रण हेतु क्लोरम्यूरॉन इथाइल 25 डब्ल्यू.पी. + सरफेक्टेन्ट 36 ग्राम प्रति हे. की दर से छिडकाव करें। छिड़काव हेतु 500 ली. प्रति हे. की दर से पानी का उपयोग करते हुए फ्लेटफेन नोजल से छिड़काव करे। जिन किसान बंधुओं ने बुवाई के समय पर रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया है, वह किसान 45 किग्रा यूरिया एवं 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हे. की दर से भुरकाव करें। इस भ्रमण दल में कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ आर.पी.एस. शक्तावत, वैज्ञानिक मनीष कुमार, बी.टी.एम अनिल रांगोट व सम्बंधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी मौजूद थे ।
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