State News (राज्य कृषि समाचार)

खरपतवार अनुसंधान निदेशालय का 35 वां स्थापना दिवस सम्पन्न

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तकनीकी विकास के साथ ही तकनीकी विस्तार जरुरी – प्रो. पाण्डेय

24 अप्रैल 2023, इंदौर: खरपतवार अनुसंधान निदेशालय का 35 वां स्थापना दिवस सम्पन्न – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् – खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर द्वारा आज अपना 35 वां स्थापना दिवस मनाया। मुख्य अतिथि प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में डॉ पी.के. मिश्र, कुलपति जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर, प्रो. आर.सी. मिश्र, कुलपति, महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर, डॉ. एस.आर.के. सिंह, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर एवं डॉ.जे.एस.मिश्र निदेशक, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम निदेशालय के निदेशक डॉ.जे.एस.मिश्र ने अतिथियों का स्वागत करते हुए निदेशालय गतिविधियों एवं वर्ष 2022-23 उपलब्धियों की पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि निदेशालय अपने 24 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान केंद्रों के सहयोग से देश में विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में फसलों एवं गैर फसलीय क्षेत्रों में खरपतवार अनुसंधान तकनीकी विकसित करने एवं उनके प्रचार पर विशेष बल दे रहे हैं। श्री अन्न (मोटा अनाज) के उत्पादन से किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में निदेशालय द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें शोध के साथ ही विस्तार कार्यक्रम पर भी जोर दिया जा रहा है।

प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय, ने खरपतवारों से होने वाले नुकसान एवं समन्वित खरपतवार प्रबंधन के साथ-साथ जैविक खरपतवार नियंत्रण एवं खरपतवारों की उपयोगिता तथा उनसे निर्मित उत्पादों के शोध पर जोर दिया। उन्होंने किसानों की वर्तमान समस्याओं की चर्चा करते हुए वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे तकनीकी विकास के साथ ही तकनीकी विस्तार पर भी कार्य करें । डॉ पी.के. मिश्र, ने स्थापना दिवस की बधाई देने के साथ ही निदेशालय द्वारा संरक्षित कृषि में खरपतवार प्रबंधन तकनीकों के विकास एवं प्रसार कार्यक्रमों की सराहना की प्रो. आर.सी. मिश्र ने निदेशालय में चल रही गतिविधियों एवं अनुसंधान कार्यों की प्रशंसा कर श्री अन्न को पुनः स्थापित करने एवं इसके उपयोग पर बल दिया। डॉ. एस.आर.के. सिंह ने खरपतवार अनुसंधान तकनीकों एवं श्री अन्न के शोध कार्य एवं प्रचार प्रसार में निदेशालय द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। स्थापना दिवस व्याख्यान डॉ. विलास ए. टोनापी, पूर्व निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के दौर में भारतीय कृषि में कदन्न फसलों की महत्ता पर प्रकाश डाला और भारत सरकार द्वारा कदन्न फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने एवं इसके स्वास्थ्य संबंधी उपयोग हेतु चलाये जा रहे कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।

इस मौके पर वर्षभर उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थान के वैज्ञानिक/ तकनीकी / प्रशासनिक एवं कुशल सहायी अधिकारियों/कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया तथा संस्थान के सदस्यों, जिन्होंने परिषद को 25 वर्षों से अधिक की महत्वपूर्ण सेवायें प्रदान की हैं, उन्हें भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा आधुनिक कृषि एवं समन्वित खरपतवार प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 8 प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया गया। निदेशालय द्वारा प्रकाशित विभिन्न साहित्यों का विमोचन अतिथियों के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान केन्द्रो के वैज्ञानिक गण, निदेशालय के वैज्ञानिक, अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी, छात्र-छात्राएं सभी उपस्थित रहे ।कार्यक्रम का संचालन डॉ. योगिता घरडे ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ. पी.के. सिंह, कार्यक्रम समन्वयक द्वारा किया गया ।

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