धोखे का शिकार हुए 186 किसानों ने मंडी निधि से भुगतान करने की मांग की
( विशेष प्रतिनिधि )
11 जून 2021, इंदौर । धोखे का शिकार हुए 186 किसानों ने मंडी निधि से भुगतान करने की मांग की – एक तो करेला ,ऊपर से नीम चढ़ा – वाली कहावत दो साल पहले इंदौर कृषि उपज मंडी के पंजीकृत व्यापारी द्वारा सैकड़ों क्विंटल गेहूं खरीदकर बगैर भुगतान किए फरार हो जाने से धोखे का शिकार हुए 186 किसानों पर पूरी तरह लागू हो रही है , क्योंकि इन पीड़ित किसानों को अपनी उपज का भुगतान (2 करोड़ 85 लाख रुपए ) अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। किसानों ने कहा कि धोखाधड़ी की ऐसे ही अन्य मामलों में जिस तरह संबंधित मंडियों में मंडी निधि से भुगतान किया गया था , उसी तर्ज़ पर हमें भी मंडी निधि से भुगतान किया जाए।
इस मामले में किसान श्री शैलेन्द्र पटेल ग्राम नैनोद ने कृषक जगत को बताया कि अप्रैल-मई 2019 में मंडी लायसेंसधारी व्यापारी खंडेलवाल को 150 क्विंटल गेहूं बेचा था ,उसके फरार हो जाने से गेहूं की राशि 4 लाख 64 हजार का भुगतान नहीं मिला। दो साल से भटक रहे हैं। इसी तरह ग्राम काई की किसान श्री सीताराम राठौर ने 162 क्विंटल गेहूं इसी व्यापारी को बेचा था , जिसकी राशि 3 लाख 25 हजार का भुगतान आज तक बकाया है। बोरदापंथ के किसान श्री चंदन सिंह बड़वाया को भी अपनी बेची गई गेहूं उपज के सात लाख रुपए का इन्तजार है। किसानों की यह फेहरिस्त बहुत लम्बी है। सभी पीड़ित किसानों का कहना है कि धोखाधड़ी के ऐसे ही अन्य मामलों में मंडी बोर्ड द्वारा अन्य मंडियों के किसानों को मंडी निधि से भुगतान किया गया था , उसी तर्ज़ पर हमें भी मंडी निधि से भुगतान किया जाए।
क्या है मामला ? : इंदौर मंडी के लायसेंसधारी व्यापारी हरिनारायण खंडेलवाल सहित परिवार के पांच सदस्यों राजू, माणक,गिरधर और संजू खंडेलवाल ने इंदौर मंडी में 5 फर्में भागीरथ धन्नालाल , हरि पल्सेस ,अपूर्व ट्रेडिंग , हिंदुस्तान आर्गेनिक और हजारीलाल एन्ड कम्पनी पंजीकृत कराई थी, जबकि राधेश्याम ट्रेडिंग कम्पनी बोगस थी, जो अपने नौकर की नाम थी। इसी फर्म के मंडी प्रवेश पत्र और चेक किसानों को दिए गए बाउंस हो गए। किसान जब तक समझे तब तक खंडेलवाल परिवार की सभी सदस्य फरार हो गए। अभी किसान सकते में आ गए। किसानों की लगातार मांग और धरना प्रदर्शन की बाद अंततः इंदौर मंडी प्रशासन द्वारा इन पांच फर्मों के प्रॉपरेटरों के खिलाफ थाना चंदन नगर में धारा 420 , 409 , 406 और 34 की तहत एफआईआर दर्ज की गई , किसानों की बयान भी लिए गए लेकिन इसके बाद कोई विशेष कार्रवाई नहीं की गई। किसानों ने अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों , मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई लेकिन इन्हें बेचे गए गेहूं का भुगतान नहीं मिला।
उल्लेखनीय है कि इंदौर कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने प्रबंध संचालक,मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड , भोपाल को 27 जुलाई 2020 को मंडी निधि से कृषकों को 2 करोड़ 85 लाख की राशि का भुगतान करने विषयक पत्र लिखा था, जिसमें इसी प्रकार के अन्य प्रकरणों में कृषि उपज मंडी समिति देवास और खिरकिया में व्यापारियों द्वारा किसानों से उपज खरीदने के बाद भुगतान नहीं किए जाने पर उनकी संपत्ति विक्रय कर वसूली की कार्रवाई की प्रत्याशा में संबंधित मंडियों को मंडी निधि से भुगतान करने के निर्देश प्रबंध संचालक , मंडी बोर्ड , भोपाल द्वारा दिए गए थे ,उसका संदर्भ भी उल्लेखित किया गया था। फिर भी इन किसानों कोअब तक भुगतान नहीं किया गया है। किसान नेता श्री बबलू जाधव का कहना है कि इंदौर में मंडी निधि में 172 करोड़ रुपए कर के रूप में जमा है। इससे किसानों को भुगतान किया जा सकता है। आपने मंडी निधि से किसानों को भुगतान करने की मांग की है।