प्रमाणित बीजों की विक्रय और अनुदान दरें निर्धारित
इंदौर। राज्य शासन ने रबी वर्ष 2019-20 के लिये विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीज की उपार्जन, विक्रय और अनुदान दरें निर्धारित की हैं। संस्था की सकल विक्रय दर तथा किसानों को प्राप्त होने वाले बीज की अंतिम दर पर बीज वितरण अनुदान अलग से दिया जाएगा। फसलों के प्रमाणित बीज वितरण पर अनुदान प्रति किसान अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि के लिये आवश्यक बीज की मात्रा पर ही तय किया जाएगा।
दस वर्ष तक तथा अधिक की अवधि के लिये फसलवार प्रति क्विंटल निम्नांकित बीज की विक्रय दरें तय की है। जिसमें गेहूँ ऊंची जाति के लिये 4000 रुपये, गेहूँ बौनी जाति के लिये 3700 रुपये, चना के लिये 6450 रुपये, मसूर के लिये 6350 रुपये, और मटर तथा अर्किल के लिये 4450 रुपये है। इसी तरह दस वर्ष तक तथा अधिक की अवधि के लिये किसानों को गेहूँ ऊंची पर 750 रुपये, गेहूँ ऊंची जाति पर 100 रुपये, गेहूँ बौनी जाति पर 750 रुपये, गेहूँ बौनी जाति पर 100 रुपये, चना पर दस वर्ष तक 1300 और इससे अधिक पर 500 रुपये, मसूर पर दस वर्ष तक के लिए 3200 रुपये, मसूर (दस वर्ष से अधिक) पर 1500 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान राशि दी जाएगी। लेकिन मटर तथा अर्किल पर अनुदान नहीं दिया जाएगा।
विज्ञप्ति के अनुसार किसान राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, सेवा सहकारी समिति तथा बीज संघ की सदस्य बीज उत्पादक समिति से अनुदान वाला प्रमाणित बीज खरीद सकते हैं। बीज वितरण पर अनुदान सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा। डीबीटी के लिये किसान को आवश्यक दस्तावेज भू- अधिकार पुस्तिका, आधार कार्ड और बैंक खाता पासबुक की छायाप्रति संबंधित संस्था में जमा करनी होगी।