भारत में गेहूं आयात: आपूर्ति और कीमतों में सुधार की उम्मीद
31 मई 2024, भोपाल: भारत में गेहूं आयात: आपूर्ति और कीमतों में सुधार की उम्मीद – भारत छह साल बाद गेहूं आयात फिर से शुरू करने के लिए तैयार है, ताकि घटते भंडार को फिर से भरा जा सके और खराब फसलों के कारण बढ़ती कीमतों को स्थिर किया जा सके। आम चुनाव के बाद सरकार 40% आयात कर हटाने की योजना बना रही है, जिससे निजी व्यापारी रूस जैसे प्रमुख निर्यातकों से गेहूं मंगवा सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय जनता पार्टी के चुनाव जीतने की उम्मीद है, जिसके बाद यह कदम उठाया जाएगा। रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद कुमार के अनुसार, आयात शुल्क हटाने से खुले बाजार में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
2022 और 2023 में तापमान में वृद्धि ने भारत की गेहूं फसल को प्रभावित किया, जिससे उत्पादन में गिरावट आई और घरेलू कीमतें बढ़ीं। इस साल की फसल भी 112 मिलियन मीट्रिक टन के अनुमान से 6.25% कम होगी।
सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक अप्रैल में 16 साल के निचले स्तर 7.5 मिलियन मीट्रिक टन पर पहुंच गया। आयात शुल्क हटाने से सरकारी भंडार को 10 मिलियन टन के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर बनाए रखने में मदद मिलेगी।
सरकारी अधिकारियों और व्यापारियों के अनुसार, आयात से घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतें स्थिर होंगी, खासकर त्योहारों के मौसम में जब मांग बढ़ती है। रूस संभावित आपूर्तिकर्ता होगा, जिससे भारत के गेहूं आयात की जरूरतें पूरी होंगी।