राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत के मोटे अनाज को लेकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने क्या कहा?

01 मार्च 2025, नई दिल्ली: भारत के मोटे अनाज को लेकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने क्या कहा? – ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री एंथनी जॉन एबॉट ने दिल्ली हाट स्थित नैफेड मिलेट एक्सपीरियंस सेंटर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मोटे अनाज (श्री अन्न) को लेकर भारत की पहल की जानकारी ली और पारंपरिक अनाजों को फिर से प्रचलित करने के प्रयासों पर चर्चा की।

एंथनी एबॉट को सेंटर में विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज और उनसे बने उत्पादों जैसे आटा, अंकुरित आटा, रेडी टू कुक (RTC) और रेडी टू ईट (RTE) उत्पादों से अवगत कराया गया। उन्होंने नैफेड के अधिकारियों से बातचीत कर मोटे अनाज के उत्पादन, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में इसकी भूमिका और खाद्य सुरक्षा से जुड़ी संभावनाओं पर चर्चा की।

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दौरे के दौरान, एंथनी एबॉट ने मोटे अनाज से बने विभिन्न व्यंजनों का स्वाद लिया। इनमें बाजरे की पापड़ी चाट, मिलेट पास्ता, रागी घी रोस्ट मसाला डोसा और रागी केक जैसे खाद्य पदार्थ शामिल थे।

मोटे अनाज के बढ़ते वैश्विक महत्व पर जोर

उन्होंने कहा कि भारत द्वारा पारंपरिक अनाजों को बढ़ावा देने की पहल वैश्विक स्तर पर इसकी खपत बढ़ाने में सहायक हो सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाजरा जैसे मोटे अनाज ‘सुपर देश के लिए सुपर फूड’ साबित हो सकते हैं। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह के कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया में भी शुरू किए जा सकते हैं, ताकि वहां भी इस अनाज के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।

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मोटे अनाज को फाइबर, प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है, जिससे यह संतुलित आहार का अहम हिस्सा बन सकते हैं। साथ ही, इनकी खेती जलवायु अनुकूल मानी जाती है, जो सूखे जैसी स्थितियों में भी टिकाऊ उत्पादन में मदद कर सकती है।

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