किसानों को नकली खाद-बीज से बचाने के लिए गंभीरता से काम करना होगा- मंत्री शिवराज सिंह
30 जून 2025, वाराणसी: किसानों को नकली खाद-बीज से बचाने के लिए गंभीरता से काम करना होगा- मंत्री शिवराज सिंह – केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को वाराणसी (उत्तरप्रदेश) के सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक की। बैठक में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR), कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK), और कृषि से जुड़े अधिकारियों व वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इस दौरान, किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादन में सुधार पर विस्तृत चर्चा की गई।
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को तेज़ गति से आगे बढ़ाने के निर्देश
बैठक में मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों और अधिकारियों से कहा कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को और तेज गति से आगे बढ़ाया जाए और किसानों के साथ सीधा संवाद बढ़ाया जाए। उन्होंने ज़ोर दिया कि किसानों की समस्याओं को पहचानकर नई वैरायटी, उन्नत तकनीक और किसानों के इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाए।
नकली खाद, बीज व कीटनाशकों पर रोक के लिए बनाए कार्य योजना
केंद्रीय मंत्री ने अमानक खाद, बीज और कीटनाशकों से किसानों को बचाने के लिए सख्ती से काम करने और एक स्पष्ट कार्य योजना बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण इनपुट्स मिलें, यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है।
सब्जी उत्पादन के लिए जीनोम एडिटिंग और जैविक खेती पर ज़ोर
उन्होंने जीनोम एडिटिंग, बीज उपचार, जैविक व प्राकृतिक खेती जैसी तकनीकों को किसानों तक पहुँचाने की बात कही। साथ ही टमाटर की शेल्फ लाइफ बढ़ाने, सूखा पाउडर बनाने और निर्यात को बढ़ावा देने वाली किस्मों के विकास पर बल दिया।
किसानों के नवाचारों को मिले बढ़ावा
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में 16 हजार कृषि वैज्ञानिक हैं, जो उन्नत बीज और तकनीक विकसित कर रहे हैं। उन्होंने ‘लैब टू लैंड’ कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे किसानों की ज़रूरतों के अनुसार शोध संभव है।
उन्होंने वैज्ञानिकों से फील्ड अनुभवों के आधार पर काम करने और किसानों को खेत स्तर पर लाभ पहुंचाने की दिशा में नई रणनीति बनाने के निर्देश दिए। साथ ही, केंद्रीय मंत्री ने आने वाले रबी सीजन को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रवार कार्य योजना बनाने और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के अनुसार लचीली उत्पादन प्रणाली विकसित करने की बात कही।
सम्मेलन में इन विशेषज्ञों ने लिया भाग
बैठक में आईआईवीआर के वैज्ञानिकों, कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री ने सभी से बेहतर समन्वय के साथ किसानों तक तकनीक और योजनाओं का लाभ पहुँचाने की अपील की।
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