राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

किसानों की आय बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग का मॉडल बना रहे हैं- कृषि मंत्री शिवराज सिंह

30 अगस्त 2025, नई दिल्ली: किसानों की आय बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग का मॉडल बना रहे हैं- कृषि मंत्री शिवराज सिंह – केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को बेंगलुरु में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के संस्थानों का दौरा कर समीक्षा बैठक ली। साथ ही किसानों, पशुपालकों, स्टार्टअप चलाने वाले उद्यमियों, वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों से सीधा संवाद किया। इस दौरान मंत्री शिवराज सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब किसी पर निर्भर नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि किसानों का हित सर्वोपरि रखते हुए हम किसानों की आय बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग का मॉडल बना रहे हैं, वहीं किसानों को सावधान करते हुए वे बोले कि पेस्टीसाइड से मित्र कीट, धरती और मनुष्यों के स्वास्थ्य को खतरा है, कीटों के माध्यम से पेस्टीसाइड का उपयोग कम किया जाएगा। साथ ही, शिवराज सिंह ने कहा कि पशुपालकों को पशुओं में फैलने वाली बीमारी के बारे में पूर्व सूचना देकर बचाव के उपाय किए जाएंगे।

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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह आईसीएआर के राष्ट्रीय पशुरोग जानपदिक एवं सूचना विज्ञान संस्थान की गतिविधियों की जानकारी ली और यहां किसानों व पशुपालकों सहित अन्य हितधारकों से संवाद करते हुए कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमें दुनिया की कोई ताकत निर्देशित नहीं कर सकती। शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि दुनिया के एक देश ने कोशिश की, कि समझौता हो जाएं तो हमने कह दिया कि हमारे लिए हमारे देश के हित सर्वोपरि हैं, किसानों के हितों से हम कोई समझौता नहीं करेंगे। 

किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग जरूरी

मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों और पशुपालकों की जिंदगी आसान और उनकी आय बढ़ाने के लिए सिर्फ एक या दो फसलों पर निर्भर नहीं रहना होगा। हमें चावल, दालें, तिलहन, सब्जियां, फल, फूल और औषधि की खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करना होगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।

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पशु बीमारियों से बचाव के लिए समय पर सूचना और वैक्सीनेशन जरूरी

पशुपालन में सबसे बड़ी समस्या बीमारियां हैं, जिन्हें फैलने से पहले रोकना जरूरी है। अब डेटा एनालिसिस की मदद से यह पता लगाया जाता है कि किस मौसम या स्थिति में कौन-सी बीमारी फैल सकती है। इस जानकारी को राज्य सरकारों को भेजा जाता है ताकि वे समय पर वैक्सीनेशन कराकर पशुओं को बचा सकें। इससे 72 से 95 प्रतिशत तक बीमारी फैलने से पहले रोकी जा सकती है। इस पहल से खुरपका, मुंहपका जैसी बीमारियों को काफी हद तक नियंत्रित किया गया है।

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कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग पर जताई चिंता

केंद्रीय मंत्री चौहान ने राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो (NBAIR) का भी दौरा किया व उसके कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कीटों के जैविक नियंत्रण पर एनबीएआईआर-प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन देखे और वैज्ञानिकों, छात्रों, कर्मचारियों, किसानों व उद्यमियों से चर्चा करते हुए जैविक नियंत्रण उपायों के माध्यम से कीटों के स्थायी प्रबंधन में संस्थान के योगदान की सराहना की तथा किसान-अनुकूल प्रौद्योगिकियों के त्वरित विकास और उन्हें कृषक समुदाय, विशेष रूप से छोटे किसानों तक पहुंचाने के प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग और बीटी कपास में उभरते कीटों जैसे गुलाबी सुंडी को लेकर चिंता व्यक्त की।

मंत्री शिवराज सिंह ने किसान के खेत में जाकर नारियल, पपीता, केला व अदरक की मिश्रित खेती की जानकारी भी ली। श्रीराम नामक किसान ने अपने खेत में अवलोकन के दौरान केंद्रीय मंत्री चौहान को बताया कि उसने केले की विशिष्ट किस्म ‘नंजनगुड रसाबले’ लगाई है, जो न केवल स्वादिष्ट है बल्कि कम शुगर कंटेंट के कारण डायबिटीज के मरीज भी इसे खा सकते हैं। श्री शिवराज सिंह ने खेत का अवलोकन करने के बाद बताया कि पिछले कुछ समय से केले की यह वैरायटी वायरस से जूझ रही है, इसीलिए हमने तय किया है कि यहां कृषि वैज्ञानिकों की एक विशेष टीम भेजी जाएगी ताकि केले की यह विशिष्ट किस्म सुरक्षित रह सके और किसानों को इसका लाभ मिले।

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