राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

आज का उर्वरक संकट कल खाद्यान्न संकट भी बन सकता है – जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री श्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की

16 नवम्बर 2022, नई दिल्ली: आज का उर्वरक संकट कल खाद्यान्न संकट भी बन सकता है – जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री श्री मोदी – आज की फ़र्टिलाइज़र की कमी कल की फूड-क्राइसिस है, जिसका समाधान विश्व के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की सप्लाइ चैन  को निरंतर  और सतत बनाए  रखने के लिए आपसी सहमति बनानी चाहिए।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने  बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में मंगलवार को अपने संबोधन में  वैश्विक स्तर पर गहराते ऊर्वरक संकट को रेखांकित करते हुए खाद्य सुरक्षा पर भी अपने विचार रखे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा महामारी के दौरान, भारत ने अपने 130 करोड़  नागरिकों की खाद्य सुरक्षा  सुनिश्चित की। साथ ही अनेकों जरूरत मंद देशों को भी खाद्यान्न की आपूर्ति की। खाद्य सुरक्षा  के संदर्भ मे फ़र्टिलाइज़र की वर्तमान किल्लत भी एक बहुत बड़ा संकट है। आज की फ़र्टिलाइज़र की कमी  कल की फूड-क्राइसिस है, जिसका समाधान विश्व के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की सप्लाइ चैन को निरंतर  और सतत बनाए  रखने के लिए आपसी सहमति बनानी चाहिए। भारत सस्टेनेबल  फूड सिक्युरिटी के लिए प्राकृतिक खेती  को बढ़ावा दे रहा हैं, औरबाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्न  को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। मिलेट्स से वैश्विक कुपोषण और भुखमरी का भी समाधान हो सकता है। हम सभी को अगले वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ जोर-शोर से मनाना चाहिए।

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इसके साथ ही क्लाइमेट चेंज, कोविड महामारी, यूक्रेन युद्ध ,और उससे जुड़ी वैश्विक समस्याएं जो विश्व मे तबाही का कारण  है को भी प्रमुखता से रखा। श्री मोदी ने कहा वैश्विक सप्लाई चैन  तहस-नहस हो गई हैं। पूरी दुनिया मे जीवन-जरूरी चीजों की सप्लाइ का संकट बना हुआ है। हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौती और गंभीर है। वे पहले से ही रोजमर्रा के जीवन से जूझ रहे थे। उनके पास दोहरी मार से जूझने की आर्थिक क्षमता नहीं है। श्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा  संयुक्त राष्ट्र जैसी मल्टीलैटरल संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं। और हम सभी इनमे उपयुक्त सुधार करने मे भी असफल रहे हैं। इसलिए आज जी-20 से विश्व को अधिक अपेक्षाएं हैं, हमारे समूह की प्रासंगिकता और बढ़ी है।

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