जल्दी खराब होने वाली फसलों के लिए कोल्ड स्टोरेज में वित्तीय सहायता: कृषि मंत्रालय
09 अगस्त 2024, नई दिल्ली: जल्दी खराब होने वाली फसलों के लिए कोल्ड स्टोरेज में वित्तीय सहायता: कृषि मंत्रालय – जल्दी खराब होने वाली बागवानी उपज के लिए कोल्ड स्टोरेज को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं के तहत देशभर में कोल्ड स्टोरेज के निर्माण, विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।
बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन
कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा बागवानी के एकीकृत विकास (एमआईडीएच) के लिए मिशन चलाया जा रहा है। इसके तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त वार्षिक कार्य योजना (एएपी) के आधार पर 5000 मीट्रिक टन तक की क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज के निर्माण, विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। यह सहायता क्रेडिट लिंक्ड बैक-एंड सब्सिडी के रूप में सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत के 35 प्रतिशत और पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों में 50 प्रतिशत की दर पर उपलब्ध है।
इस योजना के अंतर्गत व्यक्तियों, किसानों/उत्पादकों/उपभोक्ताओं के समूहों, साझेदारी/स्वामित्व फर्मों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कंपनियों, निगमों, सहकारी समितियों, सहकारी विपणन संघों, स्थानीय निकायों, कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) और विपणन बोर्डों तथा राज्य सरकारों को सहायता उपलब्ध है।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) की योजना
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) भी “बागवानी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज और भंडारण के निर्माण/विस्तार/आधुनिकीकरण के लिए पूंजी निवेश सब्सिडी” योजना चला रहा है। इसके तहत, सामान्य क्षेत्रों में परियोजना की पूंजी लागत का 35 प्रतिशत और उत्तर पूर्व, पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी दी जाती है। 5000 मीट्रिक टन से 10000 मीट्रिक टन तक की क्षमता वाले नियंत्रित वायुमंडल (सीए) भंडारण भी उपलब्ध हैं। उत्तर पूर्व क्षेत्र के मामले में, 1000 मीट्रिक टन से अधिक क्षमता वाली इकाइयाँ भी सहायता के लिए पात्र हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई)
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत एकीकृत कोल्ड चेन, खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। सामान्य क्षेत्रों के लिए 35 प्रतिशत और उत्तर पूर्व तथा हिमालयी राज्यों के लिए 50 प्रतिशत की दर से अनुदान सहायता उपलब्ध है। विकिरण सुविधा सहित समेकित कोल्ड चेन परियोजनाओं की स्थापना के लिए प्रति परियोजना 10.00 रुपये की अधिकतम अनुदान सहायता के अधीन, मूल्य वर्धन तथा प्रसंस्करण अवसंरचना के लिए क्रमशः 50 प्रतिशत और 75 प्रतिशत की दर से अनुदान सहायता के रूप् में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है। स्टैंडअलोन कोल्ड स्टोरेज इस योजना के अंतर्गत शामिल नहीं हैं।
उपरोक्त सभी योजनाएं वाणिज्यिक उद्यमों के माध्यम से मांग/उद्यमी द्वारा संचालित हैं, जिसके लिए राज्यों/उद्यमियों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर सरकारी सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, देश में कृषि अवसंरचना को मजबूत करने के लिए, सरकार ने 1.00 लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) शुरू किया है। एआईएफ के तहत, 2.00 करोड़ रुपये तक के जमानत मुक्त सावधि ऋण और शीतगृहों की स्थापना सहित कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए लिए गए सावधि ऋण पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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