कृषि क्षेत्र की मजबूती व किसान कल्याण में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण
भाकृअनुप का 93वां स्थापना दिवस व पुरस्कार समारोह का हुआ आयोजन
16 जुलाई 2021, नई दिल्ली । कृषि क्षेत्र की मजबूती व किसान कल्याण में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण – केंद्रीय कृषि मंत्री और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप-ICAR) के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा किए गए कृषि सुधार किसानों के जीवन में बदलाव लाने वाले हैं। देशभर के किसानों द्वारा इन कृषि सुधारों का लाभ लेने पर उनके लिए ये क्रांतिकारी साबित होंगे, साथ ही अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान भी बढ़ेगा तथा इसमें और मजबूती आएगी।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने यह बात भाकृअनुप के 93वें स्थापना दिवस व पुरस्कार वितरण समारोह में कही। किसानों की लागत घटाने, मृदा स्वास्थ्य पर ध्यान देने, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति अपनाने, पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल कम करने, जैविक-प्राकृतिक खेती करने सहित कृषि क्षेत्र की संपूर्ण प्रगति की दिशा में भाकृअनुप का विशेष महत्व व योगदान है, जिसने देश में खेती को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
श्री तोमर ने कहा कि भाकृअनुप द्वारा सफलतापूर्वक 92 वर्ष पूरे करना बहुत बड़ी उपलब्धि है। कृषि क्षेत्र देश के विकास व अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, इसका मेरूदंड है, इसी के आसपास अर्थव्यवस्था के बाकी आयाम होते है। श्री तोमर ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों का अभिनंदन किया।
विशेष अतिथि केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन मंत्री और भाकृअनुप के उपाध्यक्ष श्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि भाकृअनुप ने भारत की कृषि प्रगति में उल्लेखनीय योगदान देते हुए राष्ट्र को खाद्यान्न के मामले में न केवल आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि अनेक उत्पादों के मामले में अग्रणी निर्यातक देश भी बनाया है। खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन एवं मत्स्यपालन को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि खेत का मशीनीकरण, कृषि मूल्य बोध व खाद्य-प्रसंस्करण’ की दिशा में भाकृअनुप ने महत्त्वपूर्ण काम किया है।
कार्यक्रम में ‘किसान सारथी’ नामक सूचना संचार एवं प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित इंटरफेस मंच भी जारी किया गया, जो राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के साथ स्थानीय स्तर पर कृषि का समर्थन करने के लिए एक बुद्धिमतापूर्ण/कुशल ऑनलाइन कृषि प्रौद्योगिकी मंच है। ‘किसान सारथी’ कृषि विज्ञान केंद्र, संस्थान और मुख्यालय से शुरू होने वाले परस्पर संवादात्मक नियंत्रण-पट्ट (डेशबोर्ड) के माध्यम से प्रत्येक स्तर की निगरानी व प्रतिवेदन (रिपोर्टिंग) के लिए सुविधा प्रदान करता है। इस मंच के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर अधिकारी दैनिक गतिविधियों- किसान पंजीकरण, लाइव कॉल, कुल कॉल, पुश किए गए संदेश, दी गई सलाह व लंबित सलाह को देख और निगरानी कर सकते हैं।
इस अवसर पर भाकृअनुप ने ‘कृषि संस्थानों को राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार, कृषि अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार व किसानों द्वारा नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार’ दिए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम हुए कार्यक्रम में 16 विभिन्न श्रेणियों में 60 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों में चार संस्थान, एक अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, 4 केवीके, 39 वैज्ञानिक और 11 किसान शामिल हैं। भाकृअनुप के उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. ए. के. सिंह ने आभार व्यक्त किया।