एमएसपी की कानूनी गारंटी पर सरकार का रुख: क्या बदल रहा है किसानों के लिए?
12 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: एमएसपी की कानूनी गारंटी पर सरकार का रुख: क्या बदल रहा है किसानों के लिए? – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक बार फिर साफ किया है कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की मौजूदा व्यवस्था कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों पर आधारित है। हर साल राज्यों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों की राय लेने के बाद केंद्र सरकार 22 अधिदेशित फसलों के लिए एमएसपी घोषित करती है।
2018 के बाद एमएसपी का नया फार्मूला
वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में सरकार ने यह सिद्धांत अपनाया था कि एमएसपी फसल की उत्पादन लागत से डेढ़ गुना या उससे अधिक होना चाहिए। उसी सिद्धांत को आधार बनाते हुए 2018-19 से खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के एमएसपी में कम से कम 50% लाभ जोड़कर बढ़ोतरी की जाती रही है। यह दम किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना गया था।
एमएसपी लागू होने के बाद खरीद कैसे होती है?
एमएसपी घोषित करने के बाद सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य की नामित एजेंसियों के जरिए अनाज और मोटे अनाज की खरीद करती है। अगर बाजार में दलहन, तिलहन या कोपरा का भाव एमएसपी से नीचे चला जाता है, तो पीएम-आशा योजना के तहत इन फसलों की खरीद शुरू होती है। इस योजना के लिए खरीद एजेंसियों में नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) शामिल हैं। इसी तरह कपास की खरीद भारतीय कपास निगम (CCI) और पटसन की खरीद भारतीय पटसन निगम (JCI) द्वारा एमएसपी पर की जाती है।
सरकार किसानों को यह विकल्प भी देती है कि वे अपनी उपज सरकारी एजेंसी या खुले बाजार जहाँ उन्हें अधिक लाभ मिले दोनों में बेच सकते हैं।
किसानों को कितना लाभ मिला?
मंत्रालय के अनुसार बढ़ी हुई एमएसपी का सीधा लाभ किसानों तक पहुँचा है। 2024-25 के फसल वर्ष में कुल खरीद 1,223 लाख टन रही, जबकि किसानों को एमएसपी के रूप में 3.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। मंत्रालय का दावा है कि खरीद के आँकड़े यह दिखाते हैं कि एमएसपी वास्तव में किसानों के समर्थन का एक प्रभावी साधन है।
संसद में क्या बताया गया?
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में इन आंकड़ों और नीतिगत बिंदुओं को साझा किया। सरकार का कहना है कि मौजूदा एमएसपी ढांचा किसानों को मूल्य सुरक्षा देता है और फसलों के उत्पादन को स्थिर रखने में मदद करता है।
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