किसान क्रेडिट कार्ड के बाद CGS-NPF योजना: कृषि लोन का नया भविष्य
20 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: किसान क्रेडिट कार्ड के बाद CGS-NPF योजना: कृषि लोन का नया भविष्य – खेती में आर्थिक मुश्किलों और फसल बेचने की मजबूरी का सामना कर रहे किसानों को राहत देने के लिए एक नई योजना लाई गई है। ‘क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर ई-एनडब्ल्यूआर बेस्ड प्लेज फाइनेंसिंग’ (CGS-NPF) के तहत किसानों को उनकी फसल को गारंटी पर रखकर आसान कर्ज मिलने का मौका मिलेगा।
योजना की मुख्य बातें
भारत में कृषि क्षेत्र, जो देश की अर्थव्यवस्था का 17.7% हिस्सा है, आज भी देश के करीब आधे लोगों को रोजगार देता है। हालांकि, छोटी और सीमांत जोत वाले किसानों को फसल कटाई के बाद अक्सर अपनी उपज कम दामों पर बेचनी पड़ती है। इन चुनौतियों को देखते हुए यह योजना बनाई गई है, ताकि किसान अपनी फसल को उचित मूल्य पर बेच सकें और आर्थिक रूप से मजबूत बनें।
इस योजना का एक और प्रमुख उद्देश्य किसानों को वेयरहाउसिंग सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत किसानों के नजदीक अधिक प्रमाणित वेयरहाउस बनाए जाने की दिशा में काम किया जाएगा ताकि किसान बिना परिवहन लागत बढ़ाए अपनी उपज का सुरक्षित भंडारण कर सकें।
16 दिसंबर 2024 को शुरू की गई इस योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये का कोष आवंटित किया गया है। इस योजना में किसान अपनी उपज को वेयरहाउसिंग डिवेलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) से प्रमाणित गोदामों में जमा कराकर कर्ज प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ई-नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (e-NWR) का उपयोग किया जाएगा। e-NWR एक इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज होता है, जो गोदाम में रखे गए किसान की उपज का प्रमाण होता है।
किसानों को कैसे होगा लाभ?
इस योजना का खास उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति और दिव्यांग किसानों को मदद पहुंचाना है। साथ ही, किसान उत्पादक संगठन (FPO), सहकारी समितियां और छोटे व्यापारी भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
कर्ज पर गारंटी फीस कम रखी गई है, ताकि अधिक से अधिक किसानों को कर्ज लेने में सुविधा हो। इस योजना से किसानों को फसल कटाई के बाद तुरंत बेचने की मजबूरी से राहत मिल सकेगी और वे बाजार में सही समय पर अपनी फसल बेचकर बेहतर मुनाफा कमा सकेंगे।
किसानों को वेयरहाउस तक आसान पहुंच देने के लिए WDRA को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक गोदामों को प्रमाणित किया जाए और इन्हें खेती के नजदीक स्थापित किया जाए। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने भी WDRA से अपील की है कि किसानों की सुविधा के लिए अधिक वेयरहाउस पंजीकृत किए जाएं।
किसानों के लिए अन्य प्रमुख योजनाएं
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC): किसानों को कृषि इनपुट और नकद की सुविधा देने के लिए 1998 में शुरू की गई इस योजना को अब पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए भी बढ़ा दिया गया है।
- ब्याज सब्सिडी योजना (MISS): किसानों को 3 लाख रुपये तक के कृषि कर्ज पर मात्र 4% ब्याज दर पर कर्ज मिलता है, यदि वह समय पर कर्ज चुकाते हैं। 2014-15 में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण प्रवाह 8.5 लाख करोड़ रुपये था, जो 2023-24 तक बढ़कर 25.48 लाख करोड़ रुपये हो गया है। ब्याज सब्सिडी के तहत कर्ज वितरण में भी वृद्धि देखी गई है, जो 6,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 14,252 करोड़ रुपये हो गया है।
यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी। छोटे और सीमांत किसानों को कर्ज की उपलब्धता बढ़ने से उन्हें बाजार की मांग के अनुसार फसल बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी। साथ ही, WDRA द्वारा अधिक गोदामों का पंजीकरण और वेयरहाउस की खेती के पास उपलब्धता से किसानों का समय और परिवहन लागत भी बचेगी। कृषि ऋण प्रवाह और ब्याज सब्सिडी जैसे अन्य वित्तीय उपाय भी किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेंगे। हालांकि, असली बदलाव तभी आएगा जब इन योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से हो।
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