दूध उत्पादन के क्षेत्र में देश को बड़ी उपलब्धि, इसलिए अब नया लक्ष्य तय
27 मार्च 2025, नई दिल्ली: दूध उत्पादन के क्षेत्र में देश को बड़ी उपलब्धि, इसलिए अब नया लक्ष्य तय – यह हमारे देश के लिए गौरव की ही बात होगी कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में हर दिन नये आयाम लिखे जा रहे है और यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दुनिया के टॉप दूध उत्पादकों में भारत का महत्वपूर्ण स्थान है। लिहाजा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत आगामी पांच वर्षों में दूध उत्पादन को तीन सौ एमएमटी तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है।
2014 में मिशन के शुभारंभ के बाद से, दूध उत्पादन में 63.5% की वृद्धि हुई है, जिसमें इस क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी है। भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है और उसने अगले पांच सालों में 300 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो अभी 239 एमएमटी है, केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि जब से मोदी सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) शुरू किया है, तब से देश में दूध उत्पादन में 63.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और सरकार को अगले तीन वर्षों में इसमें 15 प्रतिशत की और वृद्धि होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “भारत अब दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। हमने अगले पांच सालों में 239 एमएमटी से 300 एमएमटी दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा है।” मंत्री ने कहा कि देश में करीब 10 करोड़ लोग दूध उत्पादन में लगे हैं, जिनमें से 75 फीसदी महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति दूध की खपत 471 ग्राम है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग राष्ट्रीय गोकुल मिशन को क्रियान्वित कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य देशी नस्लों का विकास एवं संरक्षण, गोजातीय आबादी का आनुवंशिक उन्नयन तथा गोजातीय पशुओं के दूध उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना है, जिससे किसानों के लिए दूध उत्पादन अधिक लाभकारी बन सके। 2014 में शुरू की गई यह योजना 2021-2022 से 2025-2026 तक विभाग की संशोधित पुनर्संयोजित योजनाओं के तहत जारी है।
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