भारत में अखरोट की खेती बचाने के लिए सख्त आयात नियमों की ज़रूरत
16 सितम्बर 2022, नई दिल्ली: भारत में अखरोट की खेती बचाने के लिए सख्त आयात नियमों की ज़रूरत – भारत में अखरोट के किसानों को दामों और क्वालिटी के मामले में अन्य देशों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।अखरोट की अधिकांश खेती भारत में कश्मीर में की जाती है। वर्ष 2021-22 में अखरोट का कुल उत्पादन लगभग 2.82 लाख टन है और जिसमें से 92% जम्मू-कश्मीर से था।
अखरोट की घरेलू खेती को बचाने के लिए सरकार ने 2021 में अखरोट के आयात पर 100% आयात शुल्क भी लागू कर दिया।
हालांकि किसानों को अखरोट से ज्यादा मुनाफा नहीं होता है, फिर भी घरेलू कीमत आयातित अखरोट की कीमतों से ज्यादा है। समझ की दृष्टि से, वैश्विक अखरोट की कीमतें लगभग 296 रुपये प्रति किलोग्राम हैं। वहीँ अखरोट के आयातक 101 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से आयात करते हैं। 100% आयात शुल्क के साथ, कीमत दोगुनी हो कर कुल 202 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाती है। 100% आयात शुल्क के बाद भी, अखरोट के आयात की कीमत वैश्विक कीमतों से कम है जिसका असर अखरोट किसानों पर पड़ रहा है। भारत में जिन प्रमुख देशों से अखरोट आता है, वे हैं चीन, कैलिफोर्निया, चिली, तुर्की और नीदरलैंड।
अखरोट की घरेलू खेती को बचाने के लिए सरकार को अतिरिक्त उपाय करने होंगे नहीं तो घरेलू उत्पादन बचाना मुश्किल होगा और किसान दूसरी फसलों की ओर जाने को मजबूर होंगे।
महत्वपूर्ण खबर: पैक्स से सभी किसानों को मिलेगा उवर्रक, सहकारिता विभाग ने जारी किए निर्देश
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम )