आईएफएस मॉडल फार्म शुरू होने से सीमांत किसानों का उत्पादन बढ़ेगा: श्री शिवराज सिंह चौहान
16 जुलाई 2024, नई दिल्ली: आईएफएस मॉडल फार्म शुरू होने से सीमांत किसानों का उत्पादन बढ़ेगा: श्री शिवराज सिंह चौहान – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने आज अपना 96वां स्थापना दिवस मनाया। आईसीएआर एक स्वायत्त निकाय है, जिसकी स्थापना 16 जुलाई, 1929 को हुई थी। इस अवसर पर प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी 2024 का उद्घाटन किया गया। प्रदर्शनी में ICAR द्वारा विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण फलों की विविधता थी, जिसमें लगभग 400 आम, 80 केले, 50 शीतोष्ण फल और 120 छोटे फलों की किस्में प्रदर्शित की गईं। कृषि विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 40 प्रौद्योगिकी डेवलपर्स को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय कृषि मंत्री और आईसीएआर सोसायटी के अध्यक्ष श्री शिवराज सिंह चौहान उपस्थित थे। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने और भावी पीढ़ी के लिए एक स्थायी वातावरण प्रदान करने के लिए प्राकृतिक कृषि तकनीकों का अभ्यास करने का आग्रह किया। श्री चौहान ने उत्पादन में सुधार और आय बढ़ाने के लिए छोटे और सीमांत किसानों के लिए मॉडल फार्म शुरू करने पर जोर दिया। कृषि मंत्री ने ‘लैब टू लैंड’ – प्रौद्योगिकी आधारित कृषि पद्धतियों का उल्लेख किया जो किसानों को फसल उत्पादन में सुधार और आय बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। उन्होंने आयात की लागत को कम करने और भारतीय किसानों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। मंत्री ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने और स्वस्थ वातावरण बनाने में योगदान देने पर भी जोर दिया। उन्होंने निर्यात को अधिकतम करने और आयात को कम करके भारत को ‘वैश्विक खाद्य टोकरी’ बनाने की क्षमता पर जोर दिया।
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने मत्स्यपालन एवं पशुपालन के महत्व पर बोलते हुए कहा कि भारत की 70% आबादी इस पर निर्भर है। श्री सिंह ने यह भी बताया कि पशुपालकों के लिए वैक्सीन को अधिक सुलभ बनाने के लिए आईवीएफ वैक्सीन के साथ-साथ सेक्स-सॉर्टेड सीमन का भी विकास किया जा रहा है।
कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कृषि तकनीकों की कमियों को दूर करने के लिए शोध आधारित तरीकों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने किसानों की आजीविका में सुधार के लिए उत्पादन को अधिकतम करने और लागत को कम करने की सलाह दी। कृषि राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर ने उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट पर चिंता व्यक्त की। श्री ठाकुर ने उर्वरकों के उपयोग को कम करने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए शोध आधारित दृष्टिकोण की वकालत की ताकि स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार हो सके।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का प्रधानमंत्री मोदी का सपना आईसीएआर के विशेषज्ञों द्वारा प्रदान की गई कृषि तकनीकों का उपयोग करके ही पूरा किया जा सकता है। श्री बघेल ने भूजल स्तर में गिरावट और मवेशियों की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति पर चिंता व्यक्त कीडीएआरई के सचिव और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने 2023-24 के दौरान आईसीएआर के योगदान को उजागर किया।
2023-24 के दौरान अनाज, तिलहन, चारा फसलें और गन्ना सहित 56 फसलों की कुल 323 किस्में जारी की गईं। आंध्र प्रदेश, पंजाब, बिहार और उत्तर प्रदेश के छोटे और सीमांत किसानों के लिए आईएफएस मॉडल विकसित किए गए। उन्होंने पशुधन उत्पादन, मत्स्य पालन, कृषि उपकरण, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और कृषि विस्तार की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने इस अवधि के दौरान कृषि शिक्षा, कौशल विकास और आईसीएआर आउटरीच पर भी प्रकाश डाला।
डेयर के अतिरिक्त सचिव और आईसीएआर के सचिव श्री संजय गर्ग ने अतिथियों का स्वागत किया और अनुसंधान एवं शिक्षा में आईसीएआर की भूमिका पर प्रकाश डाला। डेयर की अतिरिक्त सचिव और आईसीएआर की वित्तीय सलाहकार सुश्री अलका नांगिया अरोड़ा भी इस कार्यक्रम में मौजूद थीं।
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