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एसआरएमआईएसटी के कुलपति मानद कर्नल पद से सम्मानित

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20 फरवरी 2023, चेन्नई: एसआरएमआईएसटी के कुलपति मानद कर्नल पद से सम्मानित – एसआरएमआईएसटी (एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी) के कुलपति प्रोफेसर डॉ. सी मुथतमज़हेलवन को गत दिनों राष्ट्रीय कैडेट कोर में उनकी सेवाओं के सम्मान में मानद  कर्नल  के पद से सम्मानित किया गया। मुख्यअतिथि लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण वाईएसएम एसएम वीएसएम, दक्षिण भारत  के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने अतिथियों की उपस्थिति में प्रोफेसर मुथतमज़हेलवन को रैंक और बैज प्रदान कर  सम्मानित किया।

कमांडर कुमार रस्तोगी, एनसीसी  निदेशालय  के उपमहानिदेशक (टीएन, पी  एन ).और  लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण ने एक राष्ट्र और एक देश के बीच के अंतर को सामने लाते हुए कहा कि  देश की  भौगोलिक सीमाओं को  इंगित  करती  है और एक राष्ट्र लोगों के बारे में है, यह कुछ ऐसा है,  जिसने  लोगों को एक साथ  लिया है और उन्हें इस धारणा के साथ  जोड़ा है कि वे एक राष्ट्र के हैं और  भारतीयों  के लिए यह राष्ट्रीय तिरंगा झंडा  है। राष्ट्र निर्माण में में सभी वर्गों का योगदान है। एसआरएमआईएसटी  एक ऐसी संस्था  है जो राष्ट्र निर्माण में  प्रमुख भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा  कि  आज  दिया  गया यह सम्मान राष्ट्र को सशक्त बनाने की दिशा में सेवाओं की पहचान है। श्री रस्तोगी ने एनसीसी की गतिविधियों  को  बढ़ावा देनेके  लिए  एसआरएमआईएसटी द्वारा  किए गए कार्यों की प्रशंसा की।  संस्थान  के पास  गर्व करने का एक कारण यह  है कि इसके कई कैडेटों ने अखिल भारतीय  स्तर पर सर्वश्रेष्ठ  कैडेट पुरस्कार  जीते हैं। उन्होंने कहा कि एसआरएमआईएसटी के करीब 40 छात्र सशस्त्र बलों में  शामिल हुए  हैं। श्री कुमार ने कैडेटों से कहा कि जीवन में प्रगति के लिए  जिन  मुख्य तत्वों  की  आवश्यकता  होती है, वे हैं जागरूकता ,संतुलन,  साहस, अनुशासन और सोच। प्रगति की रणनीति बनाने के  लिए  अपनी सीमाओं  और मजबूत बिंदुओं  के बारे में जागरूकता होनी चाहिए । व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि जीवन में  विभिन्न आवश्यक चीजों के बीच सही संतुलन कैसे बनाए रखा  जाए।

प्रोफेसर मुथतमज़हेलवन ने कहा  कि इस सम्मान से सम्मानित  होना  बहुत गर्व की बात है और उन्होंने इसे   संस्थान को  समर्पित किया ।  हालाँकि उनके लिए सशस्त्र बलों का हिस्सा  बनने के कोई अवसर नही थे, लेकिन उनमें उनकी बहुत  रूचि थी। उन्होंने यह भी कहा  कि  इस पुरस्कार ने उन्हें आने वाले वर्षों में भी अपना योगदान बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। प्रोफेसर डॉ. सी मुथतमज़हेलवन एसआरएमआईएसटी के पांचवें कुलपति बन गए हैं। यह ध्यान दिलाना दिलचस्प है कि  वह एसआरएम की देसी प्रतिभा हैं। वह 35 से अधिक वर्षों से संस्था का  हिस्सा रहे हैं। डॉ. सी. मुथतमज़हेलवन ने एसआरएम में भौतिकी  विभाग में लेक्चरर के रूप में अपना  कैरियर शुरू  किया । वह अपने उदार योगदान के माध्यम से वर्षों में संगठन में  महत्वपूर्ण पदों पर पहंचे।इस अवसर पर एसआरएमआईएसटी के  रजिस्ट्रार  डॉ एस पोन्नुसामी, एसआरएमआईएसटी और लेफ्टिनेंट कर्नल  डॉ ए रतवकुमार, प्रो वाइस चांसलर, एसआरएम   मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल  एंड  रिसर्च सेंटर भी मौजूद थे।

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