स्टैग बीटल: दुनिया का सबसे महंगा कीट, कीमत ₹75 लाख
14 जुलाई 2025, नई दिल्ली: स्टैग बीटल: दुनिया का सबसे महंगा कीट, कीमत ₹75 लाख – कीट विज्ञान (एंटोमोलॉजी) की दुनिया में कुछ कीट ऐसे हैं जो अपनी अनोखी बनावट, दुर्लभता और सांस्कृतिक महत्त्व के कारण लोगों को आकर्षित करते हैं। ऐसा ही एक कीट है स्टैग बीटल। अपने हिरण जैसे विशाल जबड़ों (mandibles) और दमकते काले शरीर के कारण यह कीट केवल देखने में ही अनोखा नहीं है, बल्कि इसे दुनिया का सबसे महंगा कीट भी माना जाता है। कुछ दुर्लभ प्रजातियों या विशेष रूप से पाले गए स्टैग बीटल की कीमत ₹75 लाख तक पहुंच चुकी है।
लेकिन एक कीट की कीमत किसी लग्ज़री कार जितनी क्यों हो सकती है? आइए जानें इस अद्भुत जीव की कहानी।
स्टैग बीटल क्या है?
स्टैग बीटल एक प्रकार का कीट है जो Lucanidae परिवार से संबंध रखता है। इसकी दुनिया भर में 1,200 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। नर स्टैग बीटल के पास विशाल जबड़े होते हैं जो हिरण के सींगों जैसे दिखते हैं — इसी कारण इसका नाम “स्टैग” (stag = हिरण) पड़ा। ये जबड़े मुख्य रूप से दूसरे नर बीटल से मुकाबला करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं, खासतौर से मेटिंग सीज़न में।
स्टैग बीटल कहां-कहां पाया जाता है?
स्टैग बीटल विश्व के कई भागों में पाया जाता है, विशेष रूप से यूरोप, एशिया, अमेरिका और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में। यूरोप में Lucanus cervus नामक प्रजाति इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन के जंगलों में पाई जाती है। एशिया में इसका सबसे अधिक जैव विविधता देखने को मिलती है — विशेष रूप से जापान, चीन, थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में कुछ बेहद दुर्लभ और महंगी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
भारत में स्टैग बीटल मुख्य रूप से पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, के अलावा हिमालयी क्षेत्र और पश्चिमी घाट के वनों में पाया जाता है।
उत्तर और दक्षिण अमेरिका में भी कुछ देशी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, विशेषकर उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय इलाकों में। वहीं, अफ्रीकाके कुछ क्षेत्रों जैसे पश्चिम और मध्य अफ्रीका में भी स्टैग बीटल मौजूद हैं, लेकिन इनकी जानकारी अपेक्षाकृत सीमित है।
स्टैग बीटल इतना महंगा क्यों है?
1. दुर्लभता और आकार
हर स्टैग बीटल महंगा नहीं होता, लेकिन जो दुर्लभ प्रजातियों के होते हैं या आकार में बहुत बड़े होते हैं — उनकी कीमत बहुत ज्यादा हो सकती है। 8 सेंटीमीटर से बड़े और परिपूर्ण जबड़ों वाले बीटल की कीमत ₹75 लाख तक जा चुकी है।
2. सांस्कृतिक महत्त्व
जापान, कोरिया और ताइवान जैसे देशों में स्टैग बीटल केवल कीट नहीं बल्कि पालतू और कलेक्टिबल आइटम माने जाते हैं। बच्चों से लेकर वयस्क तक इन्हें पालते हैं, लड़ाते हैं और प्रदर्शनियों में भाग लेते हैं।
3. पालन और जीवनचक्र
स्टैग बीटल का पालन करना आसान नहीं होता। एक बीटल को अंडे से वयस्क बनने में 2 से 5 साल लगते हैं। इस दौरान विशेष तापमान, नमी और सड़ी लकड़ी का वातावरण तैयार करना होता है। इससे पालन खर्च बढ़ता है और कीट की कीमत भी।
4. कम जीवनकाल
वयस्क स्टैग बीटल का जीवनकाल सिर्फ 3 से 5 महीने का होता है। ऐसे में बिक्री या प्रजनन के लिए समय सीमित होता है, जिससे बाज़ार में इनकी मांग बढ़ जाती है।
5. सौंदर्य और संतुलन
संग्रहकर्ता खासकर ऐसे बीटल की तलाश में रहते हैं जिनके जबड़े संतुलित और चमकदार हों, शरीर पर कोई खरोंच या दोष न हो, और आकार में सबसे बड़े हों।
कानूनी और नैतिक पहलू
विश्व भर में इन कीटों की मांग ने संरक्षण विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। कुछ दुर्लभ प्रजातियाँ अब CITES (Convention on International Trade in Endangered Species) के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं।
भारत में हालांकि अभी इनका वाणिज्यिक व्यापार सीमित है, लेकिन जैव विविधता वाले क्षेत्रों में वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन के कारण इनका प्राकृतिक आवास खतरे में है।
स्टैग बीटल कहां और कितने में मिल सकता है?
अगर आप स्टैग बीटल खरीदना चाहते हैं, तो ध्यान रखें:
- आम प्रजातियाँ ₹2,000 से ₹20,000 के बीच मिल जाती हैं।
- दुर्लभ या विशाल आकार वाले बीटल की कीमत ₹1 लाख से ₹75 लाख तक हो सकती है।
- खरीदते समय प्रमाणित ब्रीडर या लाइसेंस प्राप्त विक्रेता से ही लें।
- स्थानीय वन्यजीव नियमों की जांच जरूर करें।
कुछ मज़ेदार तथ्य
- नर स्टैग बीटल के जबड़े डरावने लगते हैं, लेकिन ये मनुष्यों को नुकसान नहीं पहुंचाते।
- जापान में स्टैग बीटल बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं — स्कूलों में उन्हें पालने की परियोजनाएँ दी जाती हैं।
- ये कीट पॉप कल्चर में भी खूब दिखते हैं — जैसे पोकेमॉन गेम्स, ऐनिमे और खिलौनों में।
- कुछ बीटल पालक तो इनका वंशवृक्ष भी बनाते हैं, जैसे नस्लीय कुत्तों के लिए होता है।
प्रकृति की बेशकीमती रचना
स्टैग बीटल केवल एक कीट नहीं है — यह शक्ति, दुर्लभता और प्रकृति की जटिलता का प्रतीक है। इसकी उच्च कीमत केवल इसके भौतिक स्वरूप के कारण नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मान्यता, जैविक विशेषताओं और संरक्षण के महत्व को दर्शाती है।
अगर आप कभी किसी जंगल में स्टैग बीटल देखें — तो यह समझ लें कि आपने शायद ₹75 लाख की झलक देखी है!
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