शिवराज सिंह चौहान ने कहा- देशभर में 15 दिवसीय अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों से करेंगे सीधा संवाद
13 मई 2025, नई दिल्ली: शिवराज सिंह चौहान ने कहा- देशभर में 15 दिवसीय अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों से करेंगे सीधा संवाद – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के तहत देश के 700 से अधिक जिलों में 15 दिवसीय व्यापक पहल शुरू की जा रही है। यह अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक चलेगा, जिसके दौरान कृषि वैज्ञानिक और मंत्रालय के अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों से सीधे संवाद करेंगे और खेती से जुड़ी आधुनिक जानकारियां साझा करेंगे।
यह अभियान कृषि के विकास और किसानों की समृद्धि के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “लैब टू लैंड” मंत्र को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसमें “एक देश, एक कृषि, एक टीम” की भावना के साथ कार्य किया जाएगा।
श्री चौहान ने आज दिल्ली में इस अभियान को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs), 100 से अधिक ICAR संस्थानों, कृषि अनुसंधान से जुड़े अन्य संगठनों और कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी हाइब्रिड मोड में शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी और ICAR के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट भी उपस्थित थे।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “यह कोई रस्म या कर्मकांड नहीं है। यह एक अभिनव और व्यावहारिक अभियान है, जिसके तीन महीने के भीतर – खरीफ सीजन में – सकारात्मक परिणाम दिखने की पूरी संभावना है। इसका उद्देश्य है कि उन्नत कृषि तकनीकों, नई किस्मों, सरकारी योजनाओं और प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक किया जाए।”
इस अभियान के अंतर्गत:
- चार-चार वैज्ञानिकों की टीमें किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित खाद के उपयोग की जानकारी देंगी।
- KVK, ICAR संस्थान, और इफको जैसे संगठन ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन करेंगे।
- ICT तकनीकों के माध्यम से किसानों तक जानकारी पहुंचाई जाएगी।
- धान की सीधी बुवाई (DSR), फसल विविधीकरण, सोयाबीन में मशीनीकरण जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
टीमों में राज्य कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन विभाग, एटीएमए, राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (NPSS) से जुड़े पौध संरक्षण अधिकारी, प्रगतिशील किसान, कृषि उद्यमी, और FPO/FIG/स्वयं सहायता समूहों के सदस्य भी शामिल रहेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि, “हमारा उद्देश्य है कि कृषि में हो रहा अनुसंधान खेतों तक पहुंचे, जिससे किसानों में जिज्ञासा और वैज्ञानिकों में उत्साह बढ़े। अगर वैज्ञानिक मन से इस कार्य में जुटेंगे, तो इसका देश और किसानों को बहुत लाभ होगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि सभी राज्य सरकारों को इस संबंध में पत्र भेजे गए हैं, और अभियान को सफल बनाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। कृषि सचिव और ICAR महानिदेशक ने भी राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर अभियान को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं।
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