सरस आजीविका मेला 2025: शिवराज सिंह चौहान ने बताया कैसे बनें ‘लखपति दीदी’
27 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: सरस आजीविका मेला 2025: शिवराज सिंह चौहान ने बताया कैसे बनें ‘लखपति दीदी’ – उत्तर प्रदेश के नोएडा हाट में आयोजित सरस आजीविका मेला 2025 का उद्घाटन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस मौके पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और सांसद कमलेश पासवान भी मौजूद रहे।
मेले का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के कारीगरों, हस्तशिल्प निर्माताओं और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना है। इस बार मेले में 30 राज्यों के एसएचजी द्वारा बनाए गए उत्पादों को 200 स्टॉलों पर प्रदर्शित किया गया है।
ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता का मंच
सरस मेला लंबे समय से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है। केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि यह मेला उन महिलाओं को सशक्त बना रहा है, जो स्वयं सहायता समूहों के जरिए अपनी आजीविका चला रही हैं। उनके अनुसार, सरस मेला ‘लखपति दीदियों’ को अपनी कला के जरिए आय बढ़ाने में मदद कर रहा है।
राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने इसे केवल एक मेला नहीं, बल्कि एक आंदोलन बताया, जो ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित कर रहा है। उन्होंने कहा कि कई एसएचजी अब GeM-Government e Marketplace के माध्यम से सरकार को सीधे उत्पाद बेच रही हैं।
कला, हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्त्रों का प्रदर्शन
सरस मेले में विभिन्न राज्यों की पारंपरिक कलाओं और हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। इनमें आंध्र प्रदेश की कलमकारी, असम की मेखला चादर, बिहार की सिल्क, गुजरात का पैचवर्क, झारखंड की तसर सिल्क, मध्य प्रदेश की चंदेरी, ओडिशा की बंधा साड़ी और पश्चिम बंगाल की कांथा जैसी वस्त्र कलाएं शामिल हैं।
इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के आभूषण, घर की सजावट के उत्पाद, हथकरघा वस्त्र और प्राकृतिक खाद्य उत्पाद भी मेले का हिस्सा हैं। खासतौर पर, पारंपरिक खाद्य पदार्थों जैसे अदरक, चाय, दाल, कॉफी, पापड़, जैम और अचार को लेकर भी आगंतुकों में रुचि देखी जा रही है।
निर्यात संवर्धन पर जोर
इस बार सरस मेले में स्वयं सहायता समूहों की निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए एक विशेष निर्यात संवर्धन मंडप भी बनाया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाना है।
मेले में पारंपरिक हस्तशिल्प और उत्पादों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष जोन बनाए गए हैं।
सरस आजीविका मेला 2025 का आयोजन 21 फरवरी से 10 मार्च तक किया जा रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा इसे राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (NIRDPR) के सहयोग से आयोजित किया गया है। इस पहल को ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के साथ जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।
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