राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

रियल टाइम मॉनिटरिंग से रुकेगी पराली जलाने की घटनाएं: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

08 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: रियल टाइम मॉनिटरिंग से रुकेगी पराली जलाने की घटनाएं: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग अत्यंत आवश्यक है, ताकि घटनाओं की तुरंत पहचान कर कार्रवाई की जा सके। वे नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में आयोजित पराली प्रबंधन पर उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव भी मौजूद रहे।

केंद्र और राज्यों के बीच हुआ समन्वय

बैठक में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री — गुरमीत सिंह खुड्डियां, श्याम सिंह राणा और सूर्य प्रताप शाही, तथा दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा वर्चुअली शामिल हुए। बैठक में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने, किसानों को जागरूक करने, वित्तीय सहायता, निगरानी और फसल विविधिकरण जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।

चौहान ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए किसानों में जागरूकता बढ़ाना सबसे अहम कदम है। इसके लिए ग्राम पंचायतों, जनप्रतिनिधियों और नोडल अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर ग्रामीण स्तर पर जागरूकता बढ़ेगी तो पराली जलाने की घटनाएं स्वतः कम होंगी।

उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि किसानों को वैकल्पिक उपायों जैसे रोटावेटर, चॉपर, मल्चर, और बायो डी-कम्पोज़र उपलब्ध कराए जाएं, ताकि खेत में पराली का सही उपयोग हो सके।

“अपने खेत से करूंगा सीधी बुवाई” – चौहान

कृषि मंत्री ने कहा कि धान कटाई के बाद गेहूं की सीधी बुवाई (Direct Sowing) को बढ़ावा देना पराली प्रबंधन का प्रभावी तरीका है। उन्होंने बताया कि, “मैं 12 अक्टूबर को अपने खेत में धान की कटाई के बाद सीधे गेहूं की बुवाई करूंगा, ताकि किसान भी प्रेरित हों।”

उन्होंने कहा कि सीधी बुवाई, फसल विविधिकरण और व्यावहारिक योजनाओं के क्रियान्वयन से बेहतर परिणाम मिलेंगे।

चौहान ने कहा कि पराली से बनने वाले बायो-सीएनजी, इथनॉल और कंपोस्ट यूनिट्स को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि पराली पर आधारित उद्योगों, थर्मल पावर प्लांट्स और कंपोस्ट इकाइयों को जोड़ा जाना चाहिए, जिससे पराली का आर्थिक उपयोग और पर्यावरणीय समाधान दोनों संभव हो सकें।

भूपेंद्र यादव ने बताया – अगले 10 दिन होंगे निर्णायक

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अगले 10 दिन केंद्र और राज्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि पराली के संग्रहण और भंडारण पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि उसका उपयोग ईंट भट्टों और थर्मल पावर प्लांट्स में किया जा सके।

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