राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

पंजाब सरकार ने 10 कीटनाशकों पर लगाया प्रतिबंध; बासमती निर्यात को बचाने के लिए उठाया  कदम 

20 अगस्त 2022, चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने 10 कीटनाशकों पर लगाया प्रतिबंध; बासमती निर्यात को बचाने के लिए उठाया  कदम –  

पंजाब सरकार ने बासमती चावल के निर्यात को बचाने के लिए 60 दिनों के लिए 10 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार द्वारा पिछले सप्ताह जारी एक अधिसूचना में उल्लेख किया गया है, “इन कीटनाशकों की बिक्री, स्टॉक, वितरण और उपयोग बासमती चावल उत्पादकों के हित में नहीं है। अधिकारियों द्वारा निर्धारित अधिकतम अवशेष स्तर (MRL) की तुलना में अधिक कीटनाशक अवशिष्ट का जोखिम है।”

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पंजाब सरकार द्वारा प्रतिबंधित कीटनाशकों की सूची

S. No. Insecticide
1Acephate
2Buprofenzin
3Chloropyriphos
4Methamidophos
5Propioconazole
6Thaimethoxam
7Profenofos
8Isoprothiolane
9Carbendazim
10Tricyclazole
पंजाब सरकार ने 10 कीटनाशकों पर लगाया प्रतिबंध; बासमती निर्यात को बचाने के लिए उठाया  कदम 

राज्य की बासमती चावल की फसल को कीटों और संक्रमणों से बचाने के लिए, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने उपयोग किए जाने वाले विकल्पों की एक सूची की सिफारिश की है। वहीँ व्यापारिक सूत्रों  ने कृषक जगत को बताया, “ये प्रतिबंधित कीटनाशक किसानों के लिए आवश्यक हैं और सुझाये गए विकल्प प्रभावी नहीं हैं। इन कीटनाशकों का उपयोग न केवल धान में किया जाता है बल्कि अन्य  फसलों, फलों और सब्जियों में भी बड़े पैमाने पर उपयोग  किया जाता है। फसल उत्पादन को बचाने के लिए ये सभी आवश्यक कीटनाशक हैं।”

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इसके विपरीत  पंजाब राइस मिलर एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने पंजाब  सरकार से प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया क्योंकि उनके द्वारा परीक्षण किए गए नमूनों में एमआरएल स्तर से ऊपर कीटनाशक पाए गए थे।

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प्रतिबन्ध के विरोध में आगे आयी संस्था क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीसीएफआई) ने कृषक जगत से कहा, “आदेश कृषक समुदाय के हितों के खिलाफ है और कृषि उत्पादन प्रभावित होगा। यह  आदेश स्पष्ट रूप से मनमाना है और कीटनाशक अधिनियम  धारा 26 के साथ पठित धारा 27  के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।”

सीसीएफआई ने पंजाब के कृषि सचिव श्री दिलराज सिंह एवं केंद्रीय कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा और संयुक्त सचिव पौध संरक्षण डॉ प्रमोद कुमार मेहरदा को एक पत्र भेजकर उल्लेख किया है कि यह  प्रतिबंध फसल सुरक्षा के मौजूदा स्थायी अभ्यास को कैसे बाधित करेगा।

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