प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना का शुभारंभ, देश के मत्स्य पालन क्षेत्र में आएगा बड़ा बदलाव
11 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना का शुभारंभ, देश के मत्स्य पालन क्षेत्र में आएगा बड़ा बदलाव – भारत सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र में प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का शुभारंभ करने का ऐलान किया है। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह कल सुषमा स्वराज भवन, चाणक्यपुरी में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की चौथी वर्षगांठ के मौके पर इस योजना की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन और प्रसंस्करण समूह केंद्रों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी जारी की जाएगी।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में देशभर से मछुआरे, मछली पालक किसान, उद्यमी, और संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों सहित कई प्रमुख हितधारकों की भागीदारी होगी। यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा, जिसमें देशभर से लोग शारीरिक और वर्चुअल रूप से हिस्सा लेंगे।
इस मौके पर श्री राजीव रंजन सिंह पीएमएमएसवाई के तहत स्वीकृत कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी ऐलान करेंगे, जिनका उद्देश्य देश के मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना है। इन परियोजनाओं में खासतौर पर राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को शामिल किया गया है, जिनमें उत्कृष्टता केंद्र, जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांवों का विकास, और नए डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ किया जाएगा।
स्वदेशी प्रजातियों के संवर्धन को मिलेगा बढ़ावा
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह स्वदेशी मछली प्रजातियों के संवर्धन और राज्य मछलियों के संरक्षण पर आधारित पुस्तिकाओं का विमोचन भी करेंगे। इससे स्वदेशी प्रजातियों के संरक्षण और उनके वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, जो देश की जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नीली क्रांति के तहत बड़ा निवेश
भारत सरकार ने 2014 से नीली क्रांति के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए 38,572 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया है। नीली क्रांति के तहत मत्स्य पालन के एकीकृत विकास और प्रबंधन के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, जबकि मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF) के लिए 7,522 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई। 20,050 करोड़ रुपये की निवेश योजना के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) भी मछुआरों और मछली पालक किसानों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हुई है।
पीएमएमएसवाई का चौथा सफल वर्ष
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में पीएमएमएसवाई के तहत किए गए कई सुधार और पहलों को प्रमुखता से उजागर किया जाएगा। पिछले चार वर्षों में इस योजना ने मछली उत्पादन और उत्पादकता में सुधार के साथ ही मछुआरों और मछली पालक किसानों के लिए रोजगार और आजीविका के नए अवसर भी प्रदान किए हैं। इसके तहत तटीय मछुआरा गांवों का विकास, स्वच्छ और स्वास्थ्यकर मछली बाजार, कोल्ड चेन सुविधाओं का विस्तार और मछुआरों के लिए बीमा कवरेज जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं भी लागू की गई हैं।
पीएमएमएसवाई ने भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर मजबूत किया है। इसमें मत्स्य उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान को कम करने, निर्यात को बढ़ावा देने और आधुनिक तकनीक के उपयोग के साथ-साथ मछुआरों के कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। इस योजना ने न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत किया है।
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