उन्नत तकनीकों से सजेगा भारतीय कृषि का भविष्य: सरकार का बड़ा कदम
31 जुलाई 2024, नई दिल्ली: उन्नत तकनीकों से सजेगा भारतीय कृषि का भविष्य: सरकार का बड़ा कदम – भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत किसान ड्रोन, जलवायु सुदृढ़ किस्में, एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल, सूक्ष्म सिंचाई, सटीक खेती, मिट्टी संबंधी सेंसर, बायोफोर्टिफाइड किस्में और डिजिटल मार्केटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सरकार की विभिन्न योजनाएं जैसे राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन, नमो ड्रोन दीदी, कृषियोन्नति योजना, कृषि मशीनीकरण से संबंधित उप-मिशन और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से इन तकनीकों को छोटे एवं सीमांत किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
किसानों के बीच इन तकनीकों के प्रसार के लिए 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) का एक विशाल नेटवर्क स्थापित किया गया है। ये केंद्र उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन, प्रशिक्षण और किसानों की क्षमता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में जलवायु परिवर्तन के अनुरूप कृषि को सुदृढ़ बनाना, तिलहन और दलहन की उन्नत किस्मों का विकास, भूमि एवं जल संरक्षण, बायोफोर्टिफाइड किस्मों का प्रसार, और कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकों का प्रयोग शामिल है।
इसके अलावा, कृषि मशीनीकरण, पोषण और खाद्य सुरक्षा को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। कृषि शिक्षा और प्रबंधन को भी सुदृढ़ बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
जैसा कि बजट 2024-25 में दर्शाया गया है, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के तहत कृषि अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) के प्रावधानों को निम्नानुसार बढ़ाया गया है: –
वर्ष | रुपये (करोड़ में) |
2022-23 | 8658.89 |
2023-24 | 9876.60 |
2024-25 | 9941.09 |
यह जानकारी केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: