प्रधानमंत्री ने लॉन्च किया ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ – देश के 63,000 जनजातीय गांवों को मिलेगा लाभ
03 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने लॉन्च किया ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ – देश के 63,000 जनजातीय गांवों को मिलेगा लाभ – झारखंड के हजारीबाग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2024 को ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ की शुरुआत की। इस ऐतिहासिक योजना का उद्देश्य देशभर के 63,000 से अधिक जनजातीय बहुल गांवों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करना है। इस अभियान के तहत 79,156 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट आवंटित किया गया है, जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 56,333 करोड़ रुपये और राज्यों का 22,823 करोड़ रुपये होगा।
यह योजना 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों के 2,911 ब्लॉकों में फैले लगभग 63,843 गांवों तक पहुंचेगी। इसका मुख्य लक्ष्य इन क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे को सुधारना, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में सुधार लाना और समग्र विकास को बढ़ावा देना है। यह अभियान जनजातीय क्षेत्रों में समाज के कमजोर वर्गों को लाभान्वित करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।
25 प्रमुख योजनाओं पर होगा काम
‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के अंतर्गत अगले पांच वर्षों में 17 मंत्रालयों के समन्वित प्रयासों से 25 योजनाओं पर काम किया जाएगा। इसके तहत 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक बुनियादी ढांचा और आजीविका को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर 40 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का उद्घाटन भी किया, जबकि 25 नए विद्यालयों का शिलान्यास किया गया। इन विद्यालयों की कुल लागत लगभग 2,834 करोड़ रुपये होगी। साथ ही, पीएम-जनमन परियोजना के तहत 1,365 करोड़ रुपये की लागत से 1,387 किलोमीटर सड़कों, 120 आंगनवाड़ी केंद्रों, 250 बहुउद्देश्यीय केंद्रों और 10 छात्रावासों का भी उद्घाटन किया गया।
2026 तक पूरा होगा 728 एकलव्य विद्यालयों का लक्ष्य
सरकार ने 2026 तक 728 एकलव्य विद्यालयों को पूरी तरह क्रियाशील करने का लक्ष्य रखा है। इन विद्यालयों में लगभग 3.5 लाख जनजातीय छात्र पढ़ाई करेंगे। इस योजना के तहत 2018 से अब तक 288 स्कूल स्वीकृत हो चुके हैं और इनमें से 170 स्कूलों में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक सभी विद्यालय तैयार हों, जिससे जनजातीय बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 328 एकलव्य विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं स्थापित की जा रही हैं, जिससे छात्रों को आधुनिक शिक्षा तकनीकों का लाभ मिल सके। इसके अलावा, ईएमआरएस पोर्टल का निर्माण किया गया है, जिसमें छात्रों, स्कूलों और शिक्षकों की जानकारी और निर्माण कार्यों की प्रगति की निगरानी की जाएगी।
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