राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

ड्रैगन फ्रूट पर 5 साल की वार्षिक कार्य योजना तैयार करें – राष्ट्रीय सम्मेलन

8 जुलाई 2022, नई दिल्ली: ड्रैगन फ्रूट पर 5 साल की वार्षिक कार्य योजना तैयार करें – राष्ट्रीय सम्मेलन – कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री मनोज आहूजा की अध्यक्षता में आज यहां कमलम (ड्रैगन फ्रूट) पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य कमलम (ड्रैगन फ्रूट) की खेती के लिए रकबा, उत्पादन और उत्पादकता, विपणन, ब्रांडिंग को बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने पर जोर देना था। कमलम पर रोपण सामग्री, खेती के तरीकों, फसल कटने के बाद और विपणन एवं अनुसंधान से संबंधित मसलों के समाधान के लिए एक तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया। हरियाणा, कर्नाटक, गुजरात और नागालैंड राज्यों के प्रगतिशील किसानों ने कार्यशाला के दौरान अपने अनुभवों को भी साझा किया।

श्री आहूजा, सचिव कृषि मंत्रालय, भारत सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि कमलम (ड्रैगन फ्रूट) का रकबा (खेती का क्षेत्र) बढ़ाने के लिए एक योजना तैयार करने और बढ़ावा देने की जरूरत है क्योंकि फल का एक विशिष्ट पोषण मूल्य और उसकी दुनिया में काफी मांग है।उन्होंने खेती, कटाई के बाद प्रबंधन, विपणन और मूल्य संवर्धन के संबंध में समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के परामर्श से 5 साल की वार्षिक कार्य योजना (एएपी) तैयार करने का सुझाव दिया। राज्य अनुदान दें|

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ड्रैगन फ्रूट पर 5 साल की वार्षिक कार्य योजना तैयार करें – राष्ट्रीय सम्मेलन

कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. अभिलाष लिखी ने अपने संबोधन में कहा कि इस फल का संभावित बाजार होना चाहिए, जिससे उत्पादक अपनी ब्रांडिंग कर सकें। कमलम (ड्रैगन फ्रूट) के क्षेत्र को 50,000 हेक्टेयर तक बढ़ाने के लिए 5 साल की रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हरियाणा राज्य सरकार इसकी खेती के लिए सहायता दे रही है। हरियाणा में फल को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सहायता का दूसरे राज्य भी अनुकरण कर सकते हैं।

बागवानी आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने दूसरे देशों में अपनाई जाने वाली पद्धतियों और पोषण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने सुझाव दिया कि अच्छे परिणाम हासिल करने के लिए उत्पादन क्लस्टर विधि से भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस फल को बेकार समझी जाने वाली मिट्टी और वर्षा से सिंचित, दोनों क्षेत्रों में उगाने के लिए आईसीएआर-राष्ट्रीय अजैविक तनाव प्रबंधन संस्थान द्वारा विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन किया जा चुका है।

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ड्रैगन फ्लोरा फार्म्स एलएलपी, हरियाणा के डॉ. सुनीला चहल ने गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के प्रचार-प्रसार के संबंध में कमलम के रोपण सामग्री उत्पादन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने खेती के अच्छे तरीकों को अपनाने पर भी जोर दिया। कर्नाटक के प्रगतिशील किसान श्री चेतन नंदन ने कमलम (ड्रैगन फ्रूट) के संभावित बाजारों पर अपने अनुभव साझा किए, वह इसके उत्पादन और मार्केटिंग से भी जुड़े हैं। ग्रांट थॉर्नटन के विशेषज्ञ डॉ. विजय सचदेव ने देश में फल की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर बात की। भुज के प्रगतिशील किसान श्री हरेशभाई ठक्कर ने कच्छ में कमलम की खेती के अपने अनुभवों को साझा किया जबकि नगालैंड के प्रगतिशील किसान श्री बेंदांगचुबा ने नगालैंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बेहतर तरीके से कमलम की खेती के बारे में बताया।

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