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प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: मध्य प्रदेश में किसानों के लिए 37 लाख घर तैयार

25 मार्च 2025, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: मध्य प्रदेश में किसानों के लिए 37 लाख घर तैयार – मध्य प्रदेश ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के जरिए अपने गांवों में रहने वालों के लिए घर बनाने में शानदार काम किया है। 2016 में शुरू हुई इस स्कीम के तहत अब तक 37 लाख 15 हजार 287 घर बनकर तैयार हो चुके हैं। इससे ढेर सारे किसानों और उनके परिवारों को पक्का आशियाना मिल गया है।

केंद्र सरकार का मकसद है कि PMAY-G से देश भर में हर किसी को घर मिले, इसके लिए 2.95 करोड़ घर बनाने का प्लान है। अभी हाल ही में 2024-25 से 2028-29 तक इस योजना को आगे बढ़ाने का फैसला हुआ है, जिसमें 2 करोड़ और ग्रामीण घर बनाने की बात है। मध्य प्रदेश को 49 लाख 89 हजार 236 घरों का टारगेट मिला था, जिसमें से 37 लाख से ज्यादा बन गए हैं। ये दिखाता है कि राज्य ने कितनी तेजी से काम किया।

खास बात ये है कि 60% घर अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वालों के लिए रखे गए हैं, ताकि सबको बराबर मौका मिले। साथ ही, दिव्यांग लोगों के लिए भी ख्याल रखा जा रहा है, कम से कम 5% घर उनके लिए सुनिश्चित करने की कोशिश है।

इस स्कीम पर कड़ी नजर रखी जाती है। हर स्टेज पर जियो-टैग और टाइम-स्टैम्प वाली फोटो ली जाती हैं। नेशनल लेवल के मॉनिटर, लोकल ऑफिसर और एक खास प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) मिलकर ये सुनिश्चित करते हैं कि सब कुछ साफ-सुथरा और टाइम पर हो। पैसे सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में जाते हैं, वो भी आवाससॉफ्ट-पीएफएमएस के जरिए।

पहले एक घर बनने में औसतन 314 दिन लगते थे, अब ये समय घटकर 114 दिन हो गया है। इस स्कीम से लोगों की जिंदगी बेहतर हुई है—खुले में शौच कम हुआ, एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा और मजदूरों-दुकानदारों को काम मिला।

मध्य प्रदेश के किसानों का कहना है कि अब उनकी जिंदगी में सुधार आया है। काम करने की ताकत बढ़ी है और सुरक्षित घर में रहने का सुकून मिला है। ये योजना गांव वालों के लिए उम्मीद की किरण बनी हुई है।

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