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प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए 36 लाख घर बने

25 मार्च 2025, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए 36 लाख घर बने – उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत गांवों में घर बनाने के मामले में कमाल कर दिखाया है। 17 मार्च 2025 तक, राज्य में 36 लाख 18 हजार 753 घर बनकर तैयार हो चुके हैं, जिससे ढेर सारे किसान परिवारों को स्थायी और सुरक्षित ठिकाना मिला है।

2016 में शुरू हुई PMAY-G का मकसद है कि पूरे देश में 2.95 करोड़ ग्रामीण घर बनें। अब 2024-25 से 2028-29 तक इस स्कीम को बढ़ाने का फैसला हुआ है, जिसमें 2 करोड़ और घर बनाने की बात है। इससे गांवों का विकास और तेज होगा। उत्तर प्रदेश को 36 लाख 85 हजार 704 घरों का टारगेट मिला था, और इसमें से ज्यादातर काम पूरा हो चुका है, जो बड़ी कामयाबी है।

इस स्कीम में सबको साथ लेने की बात है। कम से कम 60% घर अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वालों के लिए रखे गए हैं। साथ ही, दिव्यांग लोगों के लिए भी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि कम से कम 5% घर उनके लिए हों। इससे बराबरी का विकास हो रहा है।

पारदर्शिता के लिए हर घर की प्रोग्रेस को जियो-टैग और टाइम-स्टैम्प वाली फोटो से ट्रैक किया जाता है। पैसे सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में आवाससॉफ्ट-पीएफएमएस के जरिए भेजे जाते हैं। नेशनल लेवल के अफसर, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) और लोकल अथॉरिटी मिलकर क्वालिटी और जवाबदेही सुनिश्चित करते हैं।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि पहले एक घर बनने में 314 दिन लगते थे, अब ये समय घटकर 114 दिन हो गया है। यानी काम की रफ्तार बढ़ी है। इस स्कीम से गांव वालों की जिंदगी बेहतर हुई है—खुले में शौच कम हुआ, एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में नौकरियां भी पैदा हुईं।

उत्तर प्रदेश के किसानों का कहना है कि अब उनके रहने की हालत सुधरी है, सेहत बेहतर हुई है और समाज में इज्जत भी बढ़ी है। PMAY-G की ये कोशिश गांवों में रहने वालों की जिंदगी को नई रोशनी दे रही है और उनका भविष्य संवार रही है।

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