प्रधानमंत्री मोदी 7 अगस्त को करेंगे एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन
06 अगस्त 2025, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी 7 अगस्त को करेंगे एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन – कृषि विज्ञान के क्षेत्र में एक अग्रणी व्यक्तित्व और खाद्य सुरक्षा के लिए समर्पित प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन की जन्मशती के अवसर पर एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (एनएएएस) के सहयोग से एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
यह सम्मेलन 7 से 9 अगस्त, 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इसका विषय है “सदाबहार क्रांति – जैव-सुख का मार्ग”, जिसमें प्रो. स्वामीनाथन के जीवनभर के योगदान को सम्मानित किया जाएगा।
सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री करेंगे
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 7 अगस्त को करेंगे। इस अवसर पर केंद्र सरकार प्रो. स्वामीनाथन के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेगी।
मंगलावर को नई दिल्ली स्थित एनएएससी कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस आयोजन की जानकारी साझा की गई। डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (आईसीएआर) ने बताया कि प्रो. स्वामीनाथन ने भारत को खाद्यान्न की कमी वाले देश से आत्मनिर्भर राष्ट्र में बदलने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “प्रो. स्वामीनाथन भारत के एक सच्चे सपूत थे, जिनके क्रांतिकारी नेतृत्व ने देश के हरित परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया।”
सम्मेलन में महिलाओं की भागीदारी पर विशेष जोर
डॉ. जाट ने यह भी कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि देना नहीं है, बल्कि भारतीय कृषि के भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार करना भी है। इस दौरान महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
वैश्विक मंच बनेगा यह सम्मेलन
यह सम्मेलन वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं, विकास विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों को एक मंच पर लाएगा, ताकि वे मिलकर सदाबहार क्रांति (Evergreen Revolution) के सिद्धांतों पर चर्चा कर सकें। डॉ. सौम्या स्वामीनाथन, अध्यक्ष, एमएसएसआरएफ ने इस सम्मेलन के वैश्विक महत्व और टिकाऊ कृषि के भविष्य को आकार देने में इसकी भूमिका को रेखांकित किया।
डॉ. सी. विश्वनाथन, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), भाकृअनुप-आईएआरआई ने भारतीय कृषि में प्रो. स्वामीनाथन के परिवर्तनकारी प्रभाव की सराहना की। वहीं, डॉ. अशोक सिंह, सचिव, एनएएएस (फसल विज्ञान) ने कहा: “भोजन भगवान है, और प्रोफेसर स्वामीनाथन लाखों लोगों के लिए भगवान रहे हैं।”
ये होंगे मुख्य विषय
सम्मेलन के मुख्य विषयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
1. जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सतत उपयोग
2. जलवायु-अनुकूल और पोषण-संवेदनशील कृषि
3. समावेशी और प्रौद्योगिकी-संचालित आजीविका समाधान
4. विकास में युवा, महिलाएं और समुदाय की भागीदारी
यह अंतरराष्ट्रीय आयोजन प्रो. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व का उत्सव है और एक स्थायी, समतापूर्ण और भूख-मुक्त विश्व की दिशा में सामूहिक प्रतिबद्धता को दोहराने का प्रयास है, एक ऐसा युग जो जैव-सुख (Biohappiness) की अवधारणा पर आधारित हो।
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