भविष्य की खाद्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पौध आधारित खेती महत्वपूर्ण विकल्प – श्री तोमर
15 मार्च 2023, नई दिल्ली: भविष्य की खाद्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पौध आधारित खेती महत्वपूर्ण विकल्प – श्री तोमर – भविष्य में खाद्य सुरक्षा के दृष्टिगत विकल्प में पौध आधारित आहार पर विचार विमर्श करने के लिए गत दिनों प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित आहार प्रदर्शनी के दौरान पौध आधारित युग के उषाकाल विषय पर प्लांट बेस्ड फ़ूड इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन (पीबीएफआईए ) द्वारा आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पौध आधारित कहदी वक्त की ज़रूरतों को पूरा करने के साथ ही रोज़गार के अवसर सृजित करने और कृषि क्षेत्र को भी बल देने वाला है। जो चुनौतियाँ कृषि के सामने आ रही है , उनके मद्देनज़र पौध आधारित आहार वैकल्पिक महत्वपूर्ण कदम है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि भविष्य में ज़रूरत पड़ने वाले विकल्पों को अगर हम अभी से तैयार कर लेंगे तो आने वाले समय में संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों में खाद्य सुरक्षा भी इन्हीं में से एक है। जब देश की आज़ादी के100 वर्ष पूरे होंगे तब तक आबादी भी बढ़ जाएगी। आधुनिक और विकसित भारत के लिए अधोसंरचना विकास , नई रेल लाइनें ,नेशनल हाइवे जैसे कार्यों के लिए खेती का रकबा कम होने की सम्भावना को भी देखना होगा। 2047 तक भारत को विकसित महान राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार तेज़ी से राज्य सरकारों के साथ मिलकर जुटी हुई है।वर्ष 2050 तक कितने खाद्यान्न की आवश्यकता हमें होगी। दुनिया की अपेक्षा हमसे कितनी बढ़ेगी इस पर भी विचार करने की ज़रूरत है। इस दिशा में केंद्र सरकार अपने स्तर पर पूरे प्रयास कर रही है और प्रधानमंत्री श्री मोदी ने समग्र और संतुलित विकास की कल्पना को साकार करने की दिशा में योजनाबद्ध तरीके से कदम बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी का हमेशा आग्रह रहा है कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश आना चाहिए। इससे नई पीढ़ी कृषि की ओर आकर्षित होगी। किसान खेती का आधार है। यह बात समझनी होगी। किसानों को फायदा और प्रतिष्ठा देना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए , ताकि वह खेती में रुके। देश का पेट भर सके और दुनिया की अपेक्षा को भी पूरा कर सके। सरकार इस दिशा में सतत प्रयास कर रही है।
श्री तोमर ने कहा खाद्य सुरक्षा के साथ ही पोषक दृष्टि से भी विकल्प तैयार करना समय की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। श्री अन्न का उत्पादन -उत्पादकता , प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और निर्यात बढ़े , इससे बने पदार्थों को भोजन की थाली में पुनः प्रतिष्ठापूर्ण स्थान मिले इसलिए यह वर्ष मनाया जा रहा है। इससे पोषक तत्वों का आहार बढ़ेगा, किसानों को फायदा होगा और रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे। कार्यक्रम में पीबीएफआईए के पदाधिकारी श्री संजय सेठी , एपीडा के सचिव डॉ सुधांशु
और आईटीपीओ के श्री रजत अग्रवाल भी मौजूद थे।
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