130 से अधिक देशों को निर्यात किए जाते हैं भारत में बने कीटनाशक
98 % नमूने सख्त गुणवत्ता मानकों पर खरे : सीसीएफआई
22 मार्च 2023, नई दिल्ली । 130 से अधिक देशों को निर्यात किए जाते हैं भारत में बने कीटनाशक – एग्रोकेमिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीसीएफआई) कृषि की दृष्टि से 23 महत्वपूर्ण और उच्च खपत वाले राज्यों से आरटीआई (सूचना का अधिकार) के माध्यम से कृषि रासायनिक गुणवत्ता पर डेटा एकत्र और विश्लेषण करने में सफल हुए। पिछले 4 वर्षों में, गुणवत्ता परीक्षण के लिए ढाई लाख से अधिक नमूने लिए गए, जिनमें से केवल 5,890 नमूने अमानक पाए गए।
सीसीएफआई के वरिष्ठ सलाहकार श्री हरीश मेहता ने उपरोक्त अध्ययन के निष्कर्ष जारी करते हुए कहा “किसानों के खेत और भंडारण के दौरान फसल के नुकसान को कम करने के लिए एग्रोकेमिकल एक प्रमुख कृषि इनपुट है। यह देशभर में उपलब्ध भारतीय कीटनाशकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मीडिया, सरकार, अधिकारी, वैज्ञानिक बिरादरी, कृषक समुदाय को अवगत करने का एक सतत प्रयास हैं। श्री मेहता ने दोहराया “हमें स्वदेशी रूप से निर्मित कीटनाशकों की गुणवत्ता पर गर्व होना चाहिए जो कड़े गुणवत्ता मानकों को पूरा करने वाले 130 से अधिक देशों को निर्यात किए जाते हैं।
श्री मेहता ने बताया, “क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीसीएफआई) का यह प्रयास रहा है कि विभिन्न मुद्दों से जूझ रही एग्रोकेमिकल इण्डस्ट्री के लिए प्रामाणिक डेटा एकत्र किया जाए।”
2017-2021 से एग्रोकेमिकल नमूनों के परीक्षण पर आरटीआई आंकड़े
निकाले गए नमूनों की अवधि | गुणवत्ता परीक्षण के लिए कीटनाशक के नमूने (कुल) | कीटनाशक का नमूना विनिर्देशों/अवमानक | विनिर्देशों/अवमानक |
नमूनों का कुल प्रतिशत | |||
2017-2018 | 61409 | 1345 | 2.19% |
2018-2019 | 59729 | 1353 | 2.26% |
2019-2020 | 64123 | 1619 | 2.52% |
2020-2021 | 66467 | 1573 | 2.36% |
कुल | 251728 | 5890 | 2.33% |
कीटनाशक अधिनियम 1968 के अनुसार कीटनाशकों की गुणवत्ता की निगरानी के लिए केंद्र सरकार द्वारा 191 कीटनाशक निरीक्षकों के अलावा राज्य स्तर पर 10,303 निरीक्षकों को अधिसूचित किया गया है। इन कीटनाशक निरीक्षकों द्वारा नमूने एकत्र किए जाते हैं और 70 राज्य कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशालाओं और 2 क्षेत्रीय कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशालाओं में इनका परीक्षण किया जाता हैं।
कृषि निरीक्षक प्रमुख और छोटे ब्रांडों की बड़ी, मध्यम और छोटी कंपनियों के नमूने लेते हैं। यह भी देखा गया है कि कई मामलों में, पुन: परीक्षण करने पर, अवमानक नमूनो के आंकड़ों में कमी देखी गई हैं।
इससे पहले लोकसभा में कृषि मंत्री श्री द्वारा बताया गया था कि पिछले 5 वर्षों के दौरान 3 लाख से अधिक नमूनों का विश्लेषण किया गया था, और 3971 पर मुकदमा चलाया गया है। जिन फर्मों और डीलरों के नमूने अमानक पाए गए, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। यह आंकड़ा 1.174% बैठता है ।
इसके साथ ही कृषि मंत्री ने बताया कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आदि राज्यों में वर्ष 2014 से 2020 के दौरान नकली कीटनाशकों की बिक्री का कोई मामला सामने नहीं आया है।
कीटनाशकों का व्यापक पंजीकरण (सीआरओपी)
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत पौध संरक्षण, संगरोध और भंडारण निदेशालय ने एक उन्नत आईटी समाधान तकनीकी प्लेटफॉर्म ‘कीटनाशकों का व्यापक पंजीकरण’ (सीआरओपी) विकसित किया है ।
इसका उद्देश्य मंत्रालय, विभाग, सीआईबी और आरसी, और अन्य हितधारकों की दैनिक आवश्यकता के आधार पर एक डैशबोर्ड प्रणाली विकसित करना है। यह सुनिश्चित करेगा कि देश में केवल वैध पंजीकृत कंपनियां/पंजीकृत यूजर ही काम करें।
श्री मेहता ने कृषक जगत को बताया, “हालांकि डैशबोर्ड 16 मार्च 2023 तक 9,113 पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को दिखा रहा है, लेकिन पंजीकरणकर्ताओं/आवेदकों द्वारा 31 मार्च 2023 तक सीआरओपी पोर्टल पर उन गैर-केवाईसी-कंपनियों/उपयोगकर्ताओं के एकाउंट्स को फ्रीज कर दिया जाएगा और आँकड़े कुछ कम हो सकते हैं ।”
यह अवैध ऑपरेटरों को डीलिस्ट करने और वैध निर्माताओं के गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने की एक सतत प्रक्रिया है। 21 राज्य सरकारों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, देश में 2,403 कीटनाशक निर्माण इकाइयां हैं।
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