राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

राजस्थान में मिलावटी बीज और उर्वरकों पर 10,000 से अधिक छापे

21 अगस्त 2025, नई दिल्ली: राजस्थान में मिलावटी बीज और उर्वरकों पर 10,000 से अधिक छापे – लोकसभा में उठाए गए प्रश्न के जवाब में भारत सरकार ने राजस्थान में नकली और मिलावटी बीज व उर्वरकों के खिलाफ जारी कार्रवाई का विवरण साझा किया।

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उर्वरकों पर फर्टिलाइजर (इनऑर्गेनिक, ऑर्गेनिक या मिक्स) कंट्रोल ऑर्डर, 1985 के तहत निगरानी की जाती है, जबकि बीजों की गुणवत्ता सीड एक्ट, 1966 और संबंधित नियमों द्वारा नियंत्रित है। इस कार्यान्वयन की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है, जबकि केंद्र सरकार मार्गदर्शन और निरीक्षण प्रदान करती है।

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अप्रैल 2025 से 8 अगस्त 2025 के बीच राजस्थान में 10,423 छापेमारी की गईं, जिसके परिणामस्वरूप 853 शो-कॉज नोटिस जारी किए गए, 54 लाइसेंस निलंबित/रद्द किए गए और 53 FIR दर्ज की गईं। केंद्रीय निरीक्षण टीम ने अलवर और भरतपुर जिलों में भी उर्वरकों की जांच की। यह जांच रासायनिक, जैविक, सूक्ष्म पोषक, जैव-उत्तेजक, फर्मेंटेड ऑर्गेनिक मैन्योर, लिक्विड मैन्योर, नैनो उर्वरक, पानी में घुलनशील उर्वरक और अन्य विशेष उर्वरकों को शामिल करती है।

टोंक जिले में पिछले दो वर्षों में 424 उर्वरक और 437 बीजों के नमूनों की जांच की गई। इनमें से 46 उर्वरक और 13 बीज नमूने मानक से कम पाए गए। राज्य सरकार ने संबंधित कानूनी कार्रवाई शुरू की है, और वर्तमान में उर्वरकों व बीजों से जुड़े सात- सात मामले न्यायालय में हैं।

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हालांकि फर्टिलाइज़र कंट्रोल ऑर्डर और सीड एक्ट के तहत लाइसेंस रद्द, जुर्माना और कारावास जैसी सजा दी जाती है, किसानों को नुकसान की भरपाई का कोई प्रावधान फिलहाल मौजूद नहीं है।

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