देश में मांग से अधिक है उर्वरकों की उपलब्धता : डॉ. मंडाविया
उर्वरकों की मौजूदा स्थिति पर समीक्षा
3 मई 2022, नई दिल्ली । देश में मांग से अधिक है उर्वरकों की उपलब्धता : डॉ. मंडाविया – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र तोमर तथा केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने संयुक्त रूप से राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के कृषि मंत्रियों के साथ उर्वरकों की मौजूदा स्थिति के बारे में समीक्षा की। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ सत्र – 2022 (01.04.2022 से 30.09.2022 तक) के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। एनबीएस खरीफ-2022 के लिए मंत्रिमंडल द्वारा 60,939.23 करोड़ रुपये की अनुमोदित सब्सिडी में माल ढुलाई सब्सिडी के माध्यम से स्वदेशी उर्वरक (एसएसपी) के लिए समर्थन और डीएपी के स्वदेशी विनिर्माण तथा आयात के लिए अतिरिक्त सहायता शामिल है।
इस अवसर पर डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, “यूरिया, डीएपी और एनपीके तथा अन्य उर्वरकों की आपूर्ति में सरकार के सक्रिय प्रयासों के साथ, हमारे पास इस खरीफ मौसम के लिए उर्वरकों की अपेक्षित मांग की तुलना में अधिक स्टॉक है।” उन्होंने राज्यों को सलाह दी कि वे किसानों को उपलब्धता के संबंध में पर्याप्त और सटीक जानकारी प्रदान करते रहें .
केंद्रीय मंत्री ने जमाखोरी, कालाबाजारी या उर्वरकों के डायवर्जन जैसे कदाचार की समस्या से निपटने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ऐसे अनुचित मामले में सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने राज्यों से किसानों को उर्वरक बाजार में हाल के रुझानों के बारे में जागरूक करने और वैकल्पिक उर्वरकों तथा कृषि प्रणालियों जैसे नैनो यूरिया के उपयोग और जैविक खेती को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि डाई -अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और इसके कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि को मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा वहन किया गया है। केंद्र सरकार ने 1650 रुपये प्रति बैग की मौजूदा सब्सिडी के बजाय डीएपी पर 2501 रुपये प्रति बैग की सब्सिडी प्रदान करने का फैसला किया है। इस वर्ष की सब्सिडी में पिछले वर्ष की सब्सिडी की दरों में 50 प्रतिशत की वृद्धि है। डीएपी और उसके कच्चे माल की कीमतों में लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को रियायती, सस्ती और उचित दरों पर अधिसूचित पीएण्डके उर्वरक प्राप्त करने और कृषि क्षेत्र का समर्थन करने में मदद मिलेगी।
उर्वरक सचिव, श्री. आर. के. चतुर्वेदी ने देश में उर्वरकों की मौजूदा स्थिति की संक्षिप्त जानकारी दी। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने बैठक का समापन करते हुए कहा कि महामारी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद, हमने सब्सिडी बढ़ाकर उर्वरकों की कीमत बहुत ही न्यूनतम दर पर रखने में सफलता प्राप्त की है, ताकि किसानों को नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि इस वर्ष किसानों को करीब ढाई लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। डॉ. मंडाविया ने कहा कि हमें ऐसी योजना बनानी चाहिए ताकि उर्वरकों का उपयोग जमीनी स्तर पर संतुलित स्तर पर किया जा सके।